हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद का गौरव पथ बना वॉकिंग गार्डन गौरव पथ पर अब टहलने और गार्डन जैसा माहौल बन चुका है। मवेशी और परिवारों की भीड़ के कारण सड़क पर एक्सीडेंट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, प्रशासन मौन, सड़कों पर पसरा गार्डन कल्चर ।
गरियाबंद, जिला मुख्यालय की शान समझे जाने वाला गौरव पथ इन दिनों अपनी मूल पहचान खोता जा रहा है। यह गौरव पथ अब वाहन चालकों के लिए कम और टहलने वालों के लिए ज़्यादा काम आ रही है। सुबह और देर शाम गौरव पथ पर अगर आप वाहन लेकर निकलते हैं, तो खुद को किसी वॉकिंग ट्रैक में फंसा हुआ पाएंगे। गरियाबंद के संभ्रांत परिवार कहे जाने वाले इन परिवार के बुज़ुर्गों की सैर, महिलाओं के ग्रुप में वॉक, बच्चों का खेल और सड़क किनारे बैठते मवेशी सब कुछ ऐसा लगता है मानो यह कोई खुला पार्क हो, न कि एक शहर का मुख्य मार्ग।

गरियाबंद का गौरव पथ बना वॉकिंग गार्डन
गरियाबंद का गौरव पथ बना वॉकिंग गार्डन मवेशियों का अड्डा, टहलने वालों की बस्ती
हर दिन सुबह 5 बजे से ही संभ्रांत कहे जाने वाले परिवारों का रेला निकलना शुरू हो जाता है कई लोग टहलने के लिए “गौरव पथ”गार्डन में परिवार सहित उमड़ पड़ते हैं। कुछ मॉर्निंग वॉक कर रहे होते हैं, तो कुछ मोबाइल पर बातें करते हुए सड़क के बीचोंबीच टहलते हैं। ऊपर से पशुओं की टोली भी सड़क को अपनी आरामगाह समझ बैठी है। मवेशी अक्सर सड़क के किनारे या बीचोंबीच बैठ जाते हैं, और तेज़ रफ्तार दोपहिया या चारपहिया वाहन चालकों के लिए यह एक बड़ा जोखिम बन चुका है।
गार्डन मोड ऑन, ट्रैफिक सेंस ऑफ
इस रोड पर न कोई ट्रैफिक कंट्रोल है, न कोई गार्डन की तरह कोई पैदल पथ। फिर भी लोग इसे ‘फैमिली वॉक जोन’ बना चुके हैं। किसी दिन बच्चे बैट-बॉल खेलते दिखते हैं, तो किसी दिन महिलाएं सड़क पर ही योग करती दिख जाती हैं। ऐसे में ज़रा सी चूक हुई नहीं कि टक्कर तय है।
सवाल यह है कि क्या प्रशासन को इसका अंदाज़ा है?
गौरव पथ की यह हालत अब आम चर्चा का विषय बन चुकी है। आम जनता का कहना है कि जिला प्रशासन को चाहिए कि या तो वॉकिंग के लिए अलग ट्रैक बनाए, या फिर गौरव पथ को एक बार फिर से “शहर की सड़क” के रूप में सख्ती से व्यवस्थित करे। CCTV कैमरे लगाने, गार्ड तैनात करने, और मवेशियों को हटाने की सख्त ज़रूरत है।
फिलहाल गौरव पथ संभ्रांत परिवार की सैर नहीं, सतर्कता की ज़रूरत है! और सबसे बड़ा सवाल कि अगर इस गौरव पथ पर दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन वाहन चालक या सड़क पर टहलने वाले परिवार ?