हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
छुरा के शिक्षा अधिकारी पर बड़ा एक्शन गरियाबंद में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा पर गंभीर आरोप, शासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की।
गरियाबंद। स्कूल शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा श्री के.एल. मतावले की मनमानी अब भारी पड़ती दिख रही है। शासन ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई और निलंबन की सिफारिश कर दी है। वजह है – नियमों की खुली अवहेलना, शिक्षकों की सूची में हेरफेर और जिला समिति को गुमराह करने की कोशिश।

छुरा के शिक्षा अधिकारी पर बड़ा एक्शन
छुरा के शिक्षा अधिकारी पर बड़ा एक्शन जाने क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ शासन ने 1 से 3 जून 2025 तक शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने का निर्देश दिया था। तय समय से पहले ही सभी विकासखंडों से जरूरी दस्तावेज आ चुके थे, लेकिन छुरा ब्लॉक से आई सूची में गड़बड़ियों की झड़ी लगी थी। परिशिष्ट 5(ब) में दूरस्थ स्कूल को गलत तरीके से विलोपन के लिए चिन्हित किया गया। वरिष्ठता के आधार पर अतिशेष शिक्षकों की पहचान नहीं की गई।
गेस्ट टीचर्स को गलत संस्था से गिनती में जोड़ा गया।
काउंसिलिंग में फैला था बवाल
प्राथमिक शाला टिकरापारा में दो प्रधानपाठकों की नियुक्ति तिथि एक थी, लेकिन जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता न देखकर कुंज दीवान को गलत तरीके से अतिशेष घोषित कर दिया गया।
माध्यमिक शाला सांकरा में शिक्षक अधिक होने के बावजूद अतिशेष नहीं माना गया। गेस्ट टीचर्स को उनकी मूल संस्था की जगह अटैच संस्था से गिन लिया गया, जिससे तीन व्याख्याताओं को गलत तरीके से काउंसिलिंग में बुलाया गया। छवि को लगा झटका सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हायर सेकेंडरी स्कूल पेण्ड्रा में वाणिज्य संकाय होने के बावजूद शिक्षा अधिकारी ने उसे ‘नहीं संचालित’ बताया और वहां कार्यरत शिक्षक को अतिशेष मानकर सूची में डाल दिया।
अब होगी सख्त कार्रवाई?
विभागीय रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि के.एल. मतावले ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन करते हुए सत्यनिष्ठा और कर्तव्य परायणता से समझौता किया है। लिहाजा, अब उन पर निलंबन और विभागीय जांच की तलवार लटक रही है
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