हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
तेंदुआ आया था शिकार करने, लेकिन खुद बन गया कहानी, गरियाबंद के जंगल में किसान पर हमला करने के बाद घायल तेंदुआ लॉरी में मिला मृत, पोस्टमार्टम में पुराने घावों और दूसरे तेंदुए के हमले के सबूत। जानें पूरा घटनाक्रम।
गरियाबंद-धमतरी की सीमा पर बसे ग्राम रिसगांव के पास मासूलखोई गांव में एक ऐसा घटनाक्रम सामने आया जिसने वन विभाग से लेकर ग्रामीणों तक को चौंका दिया। 55 वर्षीय किसान रंजीत नेताम अपने खेत की रखवाली के लिए लॉरी में बैठा था, तभी अचानक जंगल से निकला तेंदुआ उस पर टूट पड़ा।
तेंदुआ आया था शिकार करने, लेकिन खुद बन गया कहानी आखिरी लड़ाई जंगल में नहीं, लॉरी में खत्म हुई!
किसान की हिम्मत देखिए उसने तेंदुए से भिड़ंत की, संघर्ष किया और खुद को किसी तरह बचाते हुए गांव तक पहुंचा। जैसे ही गांव वालों और वन विभाग को घटना की सूचना मिली, तेंदुए की तलाश शुरू हुई। ड्रोन से की गई निगरानी में जो नज़ारा दिखा, वो किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं था वही तेंदुआ घायल अवस्था में उसी लॉरी में सोया मिला, जहां उसने हमला किया था! वन विभाग की टीम ने उसे तत्काल रेस्क्यू कर नगरी के लिए रवाना किया, लेकिन रास्ते में ही तेंदुए ने दम तोड़ दिया। मृत नर तेंदुए की उम्र करीब 4 साल बताई गई।

तेंदुआ आया था शिकार करने, लेकिन खुद बन गया कहानी
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले जंगल के राज!
3 डॉक्टरों की टीम द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि तेंदुए की गर्दन के पीछे किसी अन्य बड़े तेंदुए के दांतों के गहरे निशान थे, जो 7-10 दिन पुराने थे। यानि यह तेंदुआ पहले से ही घायल था और संभवतः इसी वजह से आक्रामक हो गया।
वन विभाग के उप निदेशक वरुण जैन ने जानकारी दी कि वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ शव परीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि इलाके में वन्य प्राणियों की गतिविधि लगातार बनी हुई है, और विभाग अलर्ट पर है।
अलर्ट जारी, ग्रामीणों को चेतावनी
वन विभाग ने ग्रामीणों से जंगल के किनारे अकेले ना जाने की अपील की है। साथ ही निगरानी बढ़ा दी गई है क्योंकि यह तेंदुआ अकेला नहीं था — हो सकता है कि जंगल में अभी कोई और शिकारी घूम रहा हो!
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