हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
मुख्यालय में 24×7 रेत खनन पर मौन व्रत गरियाबंद जिला मुख्यालय में रोजाना रेत के 100 से ज्यादा ट्रैक्टर धड़ल्ले से दौड़ रहे, लेकिन कार्रवाई होती है सिर्फ दूर-दराज़ के ईमानदार ट्रैक्टर चालकों पर। पढ़िए पूरी रपट, व्यंग्य के साथ।
गरियाबंद जिला मुख्यालय स्थित आस पास के नदी नालों से रोज रोज लगभग 100 से भी ज्यादा ट्रैक्टर रेत भरकर आते हैं, और खनिज विभाग उन्हें देख कर आंख मूंद लेता है। वजह? पीएम आवास की छूट है जी लेकिन जब वही ट्रैक्टर देवभोग या कुम्हड़ाई घाट से रेत लेकर आते हैं, तो खनिज विभाग की आंखें चमक उठती हैं। फिर क्या जप्ती, चालानी, जब्ती की फोटो, अफसर की मुस्कानसबकुछ एक ही फ्रेम में!

मुख्यालय में 24×7 रेत खनन पर मौन व्रत
मुख्यालय में 24×7 रेत खनन पर मौन व्रत लेकिन दूरदराज में कार्यवाही ?
खनिज विभाग के अनुसार, मुख्यालय में जो ट्रैक्टर चलते हैं वो पीएम आवास के लिए हैं, लेकिन जब दूर-दराज़ के गांवों से कोई ट्रैक्टर आता है तो अचानक विभाग को नियमों की याद आ जाती है।
यानी नीति साफ है । मुख्यालय में रसूखदार और छुटभैया नेताओं के लिए खुली छूट है जहां कैमरा हो वहां छूट, जहां शिकायत हो वहां कूट
18 ट्रैक्टर जप्त, अफसर शाबाशी के मोड में
तेल नदी से रेत भरकर लौट रहे 18 ट्रैक्टरों को जप्त किया गया। मालिकों ने पंचायत प्रमाणपत्र और छूट की बात कही, लेकिन अफसरों ने कहा यहां नियम चलता है, दलील नहीं!
मालिक बोले मुख्यालय में तो हर रोज रेत बिक रही है! अफसर मुस्कराए मुख्यालय है, बेटा! वहां से ऊपर फोटो जाता है!
पीछे हटो ट्रैक्टर, हाइवा फिर लौटेगा
ट्रैक्टरों की सस्ती सप्लाई ने हाइवा माफिया की नींद उड़ा दी थी। लेकिन अब ट्रैक्टरों पर कार्रवाई के बाद, रात की सड़कों पर फिर हाइवा की रेंगती आवाज़ गूंजेगी। प्रति हाइवा 15 हजार में रेत बिकेगी और गरीब अपना घर बनाएगा सपना देखकर।
छूट की चुप्पी, रेत की लूट
गरियाबंद के पाथरमोहंदा, नहरगांव, बारूला, मालगांव, साढ़ौली, चिखली नाला और टोनही नाला से हर दिन सैकड़ों ट्रिप रेत निकाली जा रही है। खनिज विभाग ने इन इलाकों को पीएम आवास के नाम पर छूट दे रखी है, लेकिन हकीकत यह है कि इनमें से केवल कुछ ही ट्रैक्टर वास्तव में पीएम आवास के लिए रेत भरते हैं। बाकी रेत ऊंचे दामों में खुले बाजार में बेची जा रही है। योजना की आड़ में मुनाफाखोरी का ये खेल अब सबके सामने है, मगर कार्रवाई अब तक नदारद!
भंडारण स्थल पर भी है खेल
3 से 6 सौ रुपये तक की पर्ची पर अवैध उगाही का भी मामला उठा, लेकिन विभाग ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायत ट्रैक्टरों पर थी ना, इसलिए जांच वहीं की गई। पुरना पानी घाट में रात के अंधेरे में चल रही खुदाई पर भी अफसरों ने जांच करेंगे कहकर इतिश्री कर दी
जब जिला मुख्यालय में नियम नतमस्तक हो जाएं और गांवों में अफसर सख्त हो जाएं, तब समझ लीजिए यह रेत नहीं, सत्ता का खेल है!
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