हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद मालगांव पंचायत में इस बार राजनीति का रंग कुछ अलग ही नजर आया, जब उपसरपंच पद के लिए किसी तरह का राजनीतिक दंगल नहीं हुआ। बल्कि पूरे 13 पंचों ने एकमत होकर 31 वर्षीय अब्दुल रहीम को निर्विरोध उपसरपंच चुन लिया। इसे गांव की राजनीति में नई सोच और एकता की मिसाल माना जा रहा है।

युवा पंच ने दिखाया दम
अब्दुल रहीम ने मालगांव पंचायत चुनाव में वार्ड नंबर 11 से जीत दर्ज की थी। रहीम को कुल 71 में से 50 मत मिले थे चुनावी मैदान में उनके अलावा दो अन्य प्रत्याशी भी थे, लेकिन रहीम की साफ सुथरी छवि और काम के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें सबसे अलग बना दिया। यही कारण है कि मालगांव पंचायत के सभी पंचों ने उन्हें उपसरपंच पद की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया।
मालगांव की राजनीति में नई दिशा
अक्सर देखा जाता है कि उपसरपंच चुनाव में गुटबाजी, जोड़तोड़ और खींचतान होती है, लेकिन इस बार मालगांव ने इसे ठुकरा कर एक नई मिसाल पेश की है। खास बात यह है कि अब्दुल रहीम मालगांव पंचायत के सबसे युवा पंच हैं। इससे उम्मीद की जा रही है कि पंचायत की राजनीति में नई ऊर्जा और बदलाव की लहर देखने को मिलेगी।
क्या युवा नेतृत्व से बदलेगी तस्वीर?
अब देखना होगा कि अब्दुल रहीम अपने कार्यकाल में मालगांव पंचायत के विकास के लिए क्या नई योजनाएं लाते हैं और उनकी नेतृत्व क्षमता गांव के लिए कितनी फायदेमंद साबित होती है। लेकिन इतना तो तय है कि मालगांव के लोग उनसे काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं।
गांव की सफाई ,पेयजल और स्वस्थ सुविधाओं के लिए करेंगे कार्य
निर्विरोध उपसरपंच निर्वाचित होने के बाद अब्दुल रहीम ने सभी ग्रामवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गांव में सफाई ,शुद्ध पेयजल और स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए हम सब मिलकर प्रयास करेंगे इन्हीं मुद्दों को लेकर हम आने वाले 5 साल में इस पर कार्य करके इसे और बेहतर बनाएंगे