हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
32 सौ करोड़ का शराब घोटाला में 22 आबकारी अफसरों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। कोर्ट ने साफ चेतावनी दी है कि अगर आज अफसर पेश नहीं हुए तो पुलिस करेगी अरेस्ट। पढ़ें पूरी खबर पैरी टाईम्स पर ।
गरियाबंद छत्तीसगढ़ में 3,200 करोड़ का शराब घोटाला अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच गया है। राजधानी रायपुर की अदालत ने साफ चेतावनी दी है कि अगर 22 आबकारी अधिकारी आज कोर्ट में पेश नहीं हुए, तो उनकी तुरंत गिरफ्तारी होगी।

32 सौ करोड़ का शराब घोटाला
32 सौ करोड़ का शराब घोटाला क्या है मामला?
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि 88 करोड़ रुपए की भारी-भरकम कमीशनखोरी अफसरों की जेब में गई। यह पूरा खेल 2019 से 2022 के बीच हुआ, जिसमें हजारों फर्जी बिल और शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। मुख्य आरोपी आबकारी अफसर अभी तक फरार बताए जा रहे हैं।
कौन हैं आरोपी अफसर?
जांच एजेंसियों ने जिन अफसरों को कटघरे में खड़ा किया है ये अधिकारी हैं आरोपित प्रमोद नेताम, नीतू नोतानी, एलएस
ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद पाटले, दिनकर वासनिक, नोहर ठाकुर, नवीन तोमर, विकास गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन, मोहित जायसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडूजा, अश्वनी अनंत, अनंत सिंह, सोनल नेताम,
गरीब पाल सिंह, सौरभ बक्शी, जेठूराम मंडावी, देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, आशीष कोसम, राजेश जायसवाल।
सरकार पर दबाव जनता की नजरें टिकीं
राज्य सरकार ने इस मामले में पहले ही 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, लेकिन अब कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तारी से बचना नामुमकिन नजर आ रहा है। पूरे राज्य में यह घोटाला चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कौन बचाएगा इन अफसरों को, या अब होगी कानूनी कार्रवाई की सबसे बड़ी चाल?
आज का दिन ड्रामा और सस्पेंस से भरा
आज कोर्ट में पेशी के साथ ही तय होगा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास का यह सबसे बड़ा शराब घोटाला किस दिशा में जाएगा। अगर आरोपी पेश नहीं हुए, तो अगले 24 घंटे बेहद ड्रामा और सस्पेंस से भरे होने वाले हैं।
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