हिमांशु साँगाणी/ गरियाबंद
राजनांदगांव। आठवीं बटालियन में चल रही पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इनमें दो महिला पुलिसकर्मी, दो पुरुष आरक्षक और दो तकनीकी टीम के सदस्य शामिल हैं। मामले ने उस वक्त और गंभीर रूप ले लिया जब एक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और अपनी हथेली पर लिखा सुसाइड नोट बरामद हुआ।
गड़बड़ी के संकेत और गिरफ्तारी
पुलिस विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर 16 दिसंबर को लालबाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच के दौरान 14 पुलिसकर्मी शक के दायरे में आए। इसी बीच आरक्षक अनिल रत्नाकर की लाश रामपुर में फांसी के फंदे से लटकी मिली। सुसाइड नोट में उन्होंने अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप लगाया, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में महिला आरक्षक पुष्पा चंद्रवंशी और परिधि निषाद, पुरुष आरक्षक धर्मराज मरकाम और योगेश कुमार धुर्वे, और तकनीकी टीम के सदस्य पवन साहू व नुतेश्वरी धुर्वे शामिल हैं। पुलिस ने इनके मोबाइल चैट और सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच के बाद अपराध साबित होने पर इन्हें न्यायालय में पेश किया।
जांच जारी, और गिरफ्तारियां संभव
एएसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह घोटाला भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। फिलहाल मामले की जांच जारी है, और अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी भी संभव है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने की जांच की मांग
ज्ञात हो कि इस मामले को लेकर कल ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्विटर पर सवाल खड़े करते हुए इस घोटाले और हत्या की सीबीआई जांच करने की मांग की थी ।