*हिमांशु साँगाणी /गरियाबंद
गरियाबंद जिले में हुए चिटफंड घोटाले के मामले में प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर रखा है, इसमें मामले मे प्रशासन अब बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है । जिसमें 93 हजार 598 बॉन्ड धारकों के कुल 1 अरब 81 करोड़ 71 लाख 23 हजार 561 रुपये फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन 260 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया को पूरा करने में जुटा हुआ हैं। अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय इस मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही पुलिस को रिपोर्ट सौंपकर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
जिले का ही नही राज्य के भी सबसे बड़े आपराधिक प्रकरण में से एक ।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला जिले का सबसे बड़ा आपराधिक प्रकरण बनने जा रहा है। एफआईआर में 1100 से अधिक पीड़ितों के विवरण शामिल होंगे, जो इन कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से प्रभावित निवेशकों को न्याय मिलने की उम्मीद है, जिनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई इन चिटफंड कंपनियों की वादाखिलाफी की भेंट चढ़ गई है।
निवेशकों के पैसे वापस दिलाने चरणबद्ध तरीके से प्रशासन कर रही पहल ।
गरियाबंद का यह घोटाला न केवल जिले बल्कि राज्य के इतिहास में भी एक प्रमुख धोखाधड़ी के रूप में दर्ज होगा। इस मामले में प्रशासन की सख्ती को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों को कानून की सख्त सजा मिलेगी और निवेशकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होगी। इन कंपनियों ने जनता के विश्वास का गलत फायदा उठाया है और अब उन पर कार्रवाई की जाएगी । इस बड़े कदम से प्रभावित लोग प्रशासन से जल्द न्याय की आस लगाए बैठे हैं।
राज्यभर में पंजीबद्ध हुए मामलों का किया जा रहा मिलान ।
जिला अंतर्गत निवासियों के भिन्न भिन्न कंपनियों में निवेश किए गए ऐसे प्रकरण जिनके विरुद्ध राज्य के दीगर थानों में पहले से एफआईआर पंजीबद्ध है । उनका भी ऑनलाइन डेटा खंगाला जा रहा है । जिससे की उन अपराधों में जिले वासियो द्वारा निवेश की गई राशि को मर्ज कर कंपनियों की संपत्ति कुर्की संबंधी कार्यवाही की जा सके ।