हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ ही छत्तीसगढ़ के निवासियों को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मध्यप्रदेश से आए एक संदिग्ध फेरीवालों का गैंग, जो कश्मीरी और तिब्बती गर्म कपड़े बेचने का दावा करता है, राज्य में सक्रिय हो गया है। ये समूह लेडीज सूट, कंबल और अन्य वस्त्र दिखाकर न केवल घरेलू महिलाओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि घरों की रेकी भी कर रहे हैं, जिससे चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों की आशंका बढ़ गई है।
दोपहर का वक्त चुनते है शिकार बनाने के लिए ।
फेरीवालों के रूप में disguise किए ये अपराधी दोपहर के समय घरों पर दस्तक देते हैं, जब आमतौर पर घर के पुरुष सदस्य काम पर रहते हैं। इस तरह से वे घरों की सुरक्षा स्थिति का अंदाजा लगाते हैं। सामाजिक मीडिया पर वायरल हो रहे तस्वीरों और रिपोर्ट्स से संकेत मिल रहा है कि ये गिरोह जबलपुर से लेकर पेन्ड्रा और महाराष्ट्र की सीमा से होते हुए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पहुंच चुका है बिलासपुर, पेन्ड्रा, मुंगेली और कवर्धा जैसे ग्रामीण इलाकों में सक्रिय ये गिरोह एक संगठित तरीके से काम कर रहा है। खासतौर पर दूरस्थ गांवों में रहकर ये फेरीवाले शहर के मकानों की रेकी कर रहे हैं और अनजान लोगों को शिकार बना रहे हैं। इस गिरोह के सदस्यों का बैकग्राउंड बीदर और गुलबर्गा क्षेत्र से बताया जा रहा है।
ऐसे कोई भी जानकारी मिलने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें ।
पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि वे अपने क्षेत्र में अजनबी फेरीवालों की गतिविधियों पर सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें। सोशल एक्टिविस्टों ने भी लोगों से अपील की है कि वे इन संदिग्ध फेरीवालों से सावधान रहें और अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत रहें। सर्दी का मौसम आराम का होता है, लेकिन इस बार जरूरत है कि लोग खुद को सुरक्षित रखें और अजनबियों पर नजर बनाए रखें। सतर्कता और जागरूकता से ही ऐसे खतरों से बचा जा सकता है।