आदित्य शुक्ला / धमतरी
धमतरी के पुलिस लाईन रूद्री में आयोजित पुलिस आरक्षक संवर्ग भर्ती परीक्षा प्रक्रिया ने अपनी पारदर्शिता और तकनीकी साधनों के समुचित उपयोग से एक नजीर पेश की है। पांचवें दिन बलौदाबाजार जिले के 1500 अभ्यर्थियों को बुलाया गया, जिनमें से केवल 490 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। दस्तावेजों की जांच और नापजोख के बाद 81 अभ्यर्थी अपात्र घोषित किए गए, जबकि 409 अभ्यर्थियों ने शारीरिक दक्षता परीक्षा दी।
तकनीक और निगरानी का सटीक उपयोग , दावा-आपत्ति प्रक्रिया पर जोर ।
भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उच्च तकनीकी साधनों का उपयोग किया गया। चीप सिस्टम और सीसीटीवी की मदद से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। पुलिस अधीक्षक श्री आंजनेय वार्ष्णेय और भर्ती समिति ने पूरे आयोजन की निगरानी कर यह सुनिश्चित किया कि कोई गड़बड़ी न हो। कुछ अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में खामियां पाई गईं, लेकिन उन्हें दावा-आपत्ति दर्ज करने का अवसर दिया गया। पुलिस अधीक्षक और भर्ती समिति द्वारा अभ्यर्थियों की अपीलों का तुरंत निराकरण किया जा रहा है, जो इस प्रक्रिया को अधिक न्यायसंगत और भरोसेमंद बनाता है।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए विशेष अपील , भविष्य के लिए प्रेरणादायक मॉडल ।
पुलिस अधीक्षक ने अभ्यर्थियों से बार-बार यह अपील की है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह कंप्यूटरीकृत और पारदर्शी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की सिफारिश या रिश्वत की कोई संभावना नहीं है। भर्ती के नाम पर पैसा लेने या देने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और तकनीक का जो संयोजन दिखा, वह भविष्य में अन्य विभागीय परीक्षाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकता है। यह उदाहरण दिखाता है कि सही प्रबंधन और ईमानदार प्रयासों से भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और विवाद-मुक्त बनाया जा सकता है।इस तरह की प्रक्रिया से न केवल पुलिस बल में योग्य और सक्षम उम्मीदवार चुने जाएंगे, बल्कि जनता के बीच भरोसे और पारदर्शिता का संदेश भी जाएगा।