हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
दामन की हरियाली में दबे काले कारोबार का पर्दाफाश ।
गरियाबंद छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर वन्यजीव तस्करों के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन में तेंदुआ खाल की तस्करी में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस संयुक्त ऑपरेशन को नबरंगपुर वनमंडल, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व की एंटी पोचिंग टीम और डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने अंजाम दिया।
गुप्त सूचना से मिली सफलता
वाइल्डलाइफ जस्टिस कमीशन इंडिया से प्राप्त जानकारी के आधार पर 22 नवंबर को यह कार्रवाई की गई। टीम ने उमरकोट परिक्षेत्र के करका सेक्शन में उदयपुर-हाथिबेना मार्ग पर छापा मारते हुए तीन आरोपियों—चमरा गोंड, खेदुराम हरिजन और मंगलदास हरिजन—को गिरफ्तार किया। इनके पास से 195 सेंटीमीटर लंबी तेंदुआ खाल, एक मोटरसाइकिल और तीन मोबाइल फोन बरामद हुए।
जहर देकर किया गया शिकार ।
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि यह खाल एक साल पुरानी है और इसे जहर देकर मारा गया था। इस मामले में अन्य आरोपी भी शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है।
टीमवर्क से संभव हुआ ऑपरेशन,तस्करों पर कड़ी नजर ।
इस ऑपरेशन में वन विभाग और सुरक्षा एजेंसियों के बेहतरीन समन्वय ने अहम भूमिका निभाई। डीआरआई रायपुर, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व, नबरंगपुर वनमंडल और गरियाबंद पुलिस के साइबर सेल ने मिलकर इस तस्करी रैकेट पर शिकंजा कसा। ऑपरेशन में प्रमुख रूप से श्री गोपाल कश्यप (उपसंचालक, उदंती), श्री सुभाष चंद्र खुंटिया (सहायक वन संरक्षक, नबरंगपुर), और सतीश यादव (साइबर सेल प्रभारी, गरियाबंद) का योगदान रहा। यह ऑपरेशन तस्करों के नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर सक्रिय वन्यजीव तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।