हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद जिले में मैनपुर के एसडीओपी बाजी लाल सिंह ने अपनी संवेदनशीलता और मानवीयता का एक शानदार उदाहरण पेश किया। इंदागांव और देवभोग के भ्रमण के दौरान उन्होंने ग्राम कोयबा में स्कूल जाते नन्हे बच्चों को ठंड में नंगे पैर देखकर उनकी मदद का बीड़ा उठाया।
मानवता की मिसाल बनी पुलिस
एसडीओपी बाजी लाल सिंह ने अपने स्टाफ के साथ बच्चों से बातचीत कर उनकी स्थिति जानी। बच्चों के हालात ने उन्हें इतना व्यथित किया कि वे तुरंत बाजार गए और उनके लिए जूते और स्कूल बैग खरीदे। सिर्फ खरीदने तक ही नहीं, उन्होंने और उनके साथ मौजूद थाना प्रभारी इंदागांव जितेंद्र विजयवार और देवभोग थाना प्रभारी गौतम चंदगावडे ने बच्चों को जूते और मोजे खुद पहनाकर उनका हौसला बढ़ाया।
पुलिस की बदलती छवि
अपराधियों के खिलाफ कठोर रवैया रखने वाली पुलिस ने इस संवेदनशील कदम से अपनी मानवीय छवि को और मजबूत किया है। बच्चों की मुस्कान इस बात का प्रमाण थी कि यह छोटा-सा प्रयास उनके लिए कितनी बड़ी खुशी लेकर आया।
स्थानीय लोगों ने सराहा
गांववालों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस का यह मानवीय व्यवहार समाज में नई उम्मीद जगा रहा है। एसडीओपी और उनकी टीम का यह कदम दिखाता है कि कानून का पालन कराने वाली पुलिस, समाज के कमजोर वर्गों के प्रति भी उतनी ही संवेदनशील है।
बच्चों के चेहरों पर आई मुस्कान
जब बच्चों को जूते और बैग मिले, तो उनकी आंखों में खुशी और चेहरे पर मुस्कान थी। वे एसडीओपी और उनकी टीम को बार-बार धन्यवाद कह रहे थे। यह घटना न केवल गरियाबंद पुलिस की छवि को सकारात्मक रूप से उभारती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।गरियाबंद पुलिस की यह पहल न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।