हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
सरकार की धान खरीदी नीति पर सवाल, किसानों की मांग – खुद खरीदे सरकार बारदाना
गरियाबंद छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का सीजन शुरू होते ही किसानों की परेशानियां सामने आने लगी हैं। बेलटुकरी धान खरीदी केंद्र में गुरुवार को किसानों का गुस्सा तब फूट पड़ा जब बारदाने की कमी के चलते कई किसानों को धान बेचने की अनुमति नहीं दी गई। अपनी उपज बेचने पहुंचे किसानों को जबरन रोकने पर वे आक्रोशित हो गए और केंद्र के सामने ट्रैक्टर, बैलगाड़ी और पिकअप खड़े कर प्रदर्शन करने लगे।

50% बारदाना लाने की शर्त से नाराज़ किसान ।
सरकार ने इस बार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 50% पुराना बारदाना लाने की शर्त रखी है। जिन किसानों के पास बारदाना नहीं है, उन्हें अपनी उपज बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बारदाना न लाने पर किसानों के टोकन रद्द होने की आशंका से उनकी परेशानी और बढ़ गई है। ग्राम भैंसातरा, किरवई और लफंदी के किसानों ने कहा कि बाजार में बारदाना 40 से 60 रुपये प्रति बोरी के दाम पर मिल रहा है, जबकि सरकार केवल 25 रुपये प्रति बोरी का भुगतान करने की बात कर रही है। किसानों का कहना है कि सरकार खुद बारदाना खरीदकर उन्हें मुहैया कराए, ताकि वे अपनी उपज बेच सकें।
“नीतियों में सुधार जरूरी” – किसान नेता
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि राज्य सरकार की धान खरीदी नीति में शुरू से ही खामियां हैं। सर्वर डाउन होने के कारण किसान समय पर टोकन नहीं निकाल पा रहे, और अब बारदाने की समस्या ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। उन्होंने सरकार से अपील की कि धान खरीदी के लिए नए बारदाने का प्रावधान किया जाए और केंद्र द्वारा बढ़ाए गए 117 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ भी किसानों को दिया जाए।
सरकार की चुप्पी से नाराज किसान
किसानों का कहना है कि उनकी समस्याओं को लेकर सरकार और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं। अगर जल्द ही समाधान नहीं हुआ तो किसानों का विरोध और तेज हो सकता है।