हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद। जिले के पिपरछेड़ी कला उपार्जन केंद्र में धान खरीदी के दौरान रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। ग्राम पिपरछेड़ी के निवासी उमेश कुमार वर्मा ने समिति प्रबंधक पुराणिक निर्मलकर पर धान खरीदी के एवज में रिश्वत मांगने और वसूलने का आरोप लगाया। शिकायत के बाद गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए समिति प्रबंधक को निलंबित कर दिया है।
क्या है मामला?
उमेश कुमार वर्मा ने बताया कि वह हर साल की तरह इस साल भी अपने धान को पिपरछेड़ी कला उपार्जन केंद्र में बेचने पहुंचे थे। वहां सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक उनके धान में नमी अधिक बताकर उन्हें बार-बार धान सुखाने का निर्देश दिया गया। उमेश कुमार का आरोप है कि समिति प्रबंधक ने धान खरीदी के लिए 2,200 रुपये की रिश्वत मांगी। काफी मान-मनौव्वल के बाद प्रबंधक ने 2,000 रुपये लेकर धान खरीदी की प्रक्रिया पूरी की।
कलेक्टर ने लिया संज्ञान
शिकायत के आधार पर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के निर्देश दिए। जांच में समिति प्रबंधक पुराणिक निर्मलकर को दोषी पाया गया। इसके बाद आदिम जाति सेवा सहकारी समिति, पिपरछेड़ी कला के प्राधिकृत अधिकारी ने प्रबंधक को कर्मचारी सेवा नियम 2018 के तहत निलंबित कर दिया।
निलंबन आदेश जारी
निलंबन आदेश के अनुसार, पुराणिक निर्मलकर को उनकी मूल पदस्थापना से हटाकर निलंबन अवधि के लिए जीवन निर्वहन भत्ता दिया जाएगा। साथ ही उनका मुख्यालय आदिम जाति सेवा सहकारी समिति, पिपरछेड़ी कला ही रहेगा।
प्रशासन की सख्ती
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी या किसानों से वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने सभी उपार्जन केंद्रों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।