आदित्य शुक्ला / धमतरी,
धमतरी जिले के कुरूद थाना क्षेत्र स्थित भाटागांव टोल प्लाजा पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और कांग्रेसियों द्वारा किए गए प्रदर्शन ने नया मोड़ ले लिया है। टोल प्लाजा के सुपरवाइजर भोथली निवासी दोनेश्वर देवांगन ने 25-30 एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर आवागमन बाधित करने का आरोप लगाते हुए कुरूद थाने में FIR दर्ज कराई है। इस घटना के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।
क्या था प्रदर्शन का कारण?
30 नवंबर को एनएसयूआई और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टोल प्लाजा पर घेराव और विरोध प्रदर्शन किया। उनकी प्रमुख मांगें थीं:
- धमतरी जिले (सीजी 05) के स्थानीय निवासियों के लिए टोल टैक्स निशुल्क किया जाए।
- स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाए।
- बाहरी कर्मचारियों द्वारा स्थानीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार पर कार्रवाई हो।
प्रदर्शन के दौरान टोल प्लाजा प्रबंधन पर जनता के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगाए गए।
FIR दर्ज, एनएसयूआई ने क्या कहा?
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष राजा देवांगन ने FIR को फर्जी बताते हुए कहा कि टोल प्लाजा मैनेजमेंट और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर की मिलीभगत से कार्यकर्ताओं को डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई जनता के हक के लिए है। प्रदर्शन शांतिपूर्ण और प्रशासन की मौजूदगी में हुआ। यातायात बाधित करने का आरोप गलत है।”देवांगन ने यह भी आरोप लगाया कि टोल प्लाजा अधिकारियों ने 5 दिसंबर तक मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब दबाव बनाने के लिए FIR कराई गई है।
टोल प्रबंधन पर सवाल
एनएसयूआई के अनुसार, टोल प्लाजा प्रबंधन पहले ही स्थानीय निवासियों से दुर्व्यवहार के लिए माफी मांग चुका था। इसके बावजूद FIR दर्ज होना इस विवाद को और उलझा रहा है।
राजनीतिक बयानबाजी तेज,क्या होगा आगे?
भाजपा और कांग्रेस के बीच यह मामला तूल पकड़ रहा है। एनएसयूआई ने स्पष्ट किया कि वे जनता के हक के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। वहीं, भाजपा की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। एनएसयूआई ने 5 दिसंबर तक अपनी मांगों पर जवाब न मिलने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
(भाटागांव टोल प्लाजा विवाद से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें।)