हिमांशु साँगाणी/ गरियाबंद
गरियाबंद के वन क्षेत्र में पिछले महीने पोटास बम से घायल हुए हाथी के बच्चे अघन की तबियत अचानक बिगड़ने से वन विभाग और वाइल्डलाइफ डॉक्टरों की टीम एक बार फिर सक्रिय हो गई है। हाथी के बच्चे की सेहत में हुई इस गिरावट ने इलाके में अफरातफरी मचाई है।
माहभर से घायल अघन के इलाज में जुटा वन अमला ।
महीने भर पहले, 6 नवंबर को इस हाथी के बच्चे को पोटास बम से गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद उसे वन विभाग की टीम और वाइल्डलाइफ डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने इलाज देना शुरू किया। इलाज के दौरान हाथी का बच्चा धीरे-धीरे ठीक हो गया था, लेकिन अब अचानक उसकी तबियत फिर से बिगड़ गई है, जिससे डॉक्टर उसकी स्थिति का पता लगाने में जुटे हैं।
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डाक्टरों की टीम लगातार हाथी के इलाज में जुटी
वन विभाग और वाइल्डलाइफ डॉक्टरों की टीम पिछले एक महीने से हाथी के बच्चे की देखभाल में लगातार लगी हुई है। यह टीम दूर-दूर तक उसके इलाज में जुटी रही है और उसकी सेहत पर नजर रख रही है, ताकि किसी प्रकार की समस्या न हो। अब, हाथी के बच्चे की तबियत बिगड़ने के बाद डॉक्टर उसकी स्थिति को ठीक करने के लिए नए तरीके से इलाज कर रहे हैं।
उपनिदेशक बोले जल्द स्वस्थ होगा अघन
वन विभाग ने इस गंभीर स्थिति को प्राथमिकता देते हुए हाथी के बच्चे के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी है। डॉक्टरों और वन विभाग की टीम ने पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किया है और हाथी के बच्चे की सेहत को लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उदंती सीता नदी के उपनिदेशक वरुण जैन बोले उम्मीद जताई जा रही है कि डॉक्टरों की टीम जल्द ही उसकी स्थिति में सुधार कर सकेगी।
महीने भर से इलाज कर रही डाक्टरों की टीम का वीडियो
वन विभाग ने इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए कहा है कि हाथी के बच्चे की सेहत में सुधार के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि डॉक्टरों की टीम उसे जल्द ठीक कर लेगी।