हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
राजनांदगांव। पुलिस भर्ती घोटाले से जुड़े आरक्षक अनिल रत्नाकर की संदिग्ध मौत ने प्रदेश में सियासी माहौल गरमा दिया है। सोमवार सुबह ग्राम घोरदा के खेत में अनिल की लाश पेड़ से फांसी के फंदे पर लटकी मिली। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या बताया जा रहा है, लेकिन मामले में हत्या की आशंका भी जताई जा रही है। इस घटना ने पुलिस भर्ती घोटाले के घावों को फिर से उभार दिया है।
भूपेश बघेल ने सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने इसे सुनियोजित साजिश बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की। बघेल ने कहा, “यह आत्महत्या का मामला नहीं, बल्कि घोटाले में शामिल बड़े खिलाड़ियों को बचाने की कोशिश है। दोषियों को सजा दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है।”
रमन सिंह के बयान के बाद बढ़ा विवाद
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कुछ दिन पहले पुलिस भर्ती घोटाले को लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। लेकिन अनिल रत्नाकर की मौत ने इस बयान पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है।
घोटाले और मौत का कनेक्शन?
सूत्रों के मुताबिक, अनिल रत्नाकर का नाम पुलिस भर्ती घोटाले में आ चुका था। इसके चलते वह मानसिक दबाव में था। लेकिन क्या यह महज दबाव के कारण आत्महत्या है या किसी साजिश के तहत उसकी हत्या हुई?
सीबीआई जांच की मांग पर दबाव
घटना के बाद जनता और विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से जल्द कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है