हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
गरियाबंद। पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के चावल की कालाबाजारी का मामला गरियाबंद जिले में बुधवार को तब सुर्खियों में आया जब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने चावल व्यापारी हासन राजा मेमन के यहां छापा मारा। छापे में 5 लाख रुपए नकद, नोट गिनने की मशीन मोबाइल फ़ोन सहित कई दस्तावेज जब्त किए गए। बताया जा रहा है कि हासन राजा मेमन मुख्यालय और आसपास के इलाकों में पीडीएस चावल के सबसे बड़े अवैध कारोबारियों में से एक है।
हासन रजा मेनन की कोकड़ी स्थित चावल की दुकान ।

हालांकि, ईडी के छापे के बाद भी जिले के खाद्य विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे इस गोरखधंधे को प्रशासनिक वरदहस्त का इशारा माना जा रहा है। जबकि पड़ोसी धमतरी जिले में प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी। जिला मुख्यालय में कार्यवाही ना होना भी अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े करता है
धमतरी में सख्ती: 9 क्विंटल चावल जब्त
धमतरी जिले में कलेक्टर नम्रता गांधी के निर्देश पर राजस्व और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने बीते दिनों रिसाईपारा और मकई चौक में छापेमारी कर 9 क्विंटल 22 किलो पीडीएस चावल जब्त किया। किराना दुकानों में भी जांच की गई, जहां अवैध भंडारण और बिक्री का खुलासा हुआ। अधिकारी ने बताया कि कालाबाजारी रोकने के लिए कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
गरियाबंद में प्रशासन की निष्क्रियता
गरियाबंद जिले में पीडीएस चावल की कालाबाजारी के मामले ने ईडी के छापे के बाद एक बार फिर तूल पकड़ा। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि मुख्यालय में राशन दुकानों के आसपास चावल खरीदने-बेचने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां कई दुकानें केवल तब ही खुलती हैं जब राशन दुकानें संचालित होती हैं।
चरणबद्ध तरीके से चल रहा है गोरखधंधा
नाम न छापने की शर्त पर एक व्यापारी ने खुलासा किया कि पीडीएस चावल की कालाबाजारी सुनियोजित तरीके से होती है। राशन कार्डधारी अपना चावल 26 से 28 रुपये प्रति किलो में बेच देते हैं, जिसे दुकानदार 1-2 रुपये अधिक दर में राइस मिलरों को बेचते हैं। मिलर्स इसे कस्टम मिलिंग के चावल में मिलाकर एफसीआई में जमा कर देते हैं। इसमें ऐसे राइस मिलों को फायदा होता है जो ज्यादा कस्टम मिलिंग नहीं करते हैं
बाहरी राज्यों से भी सस्ता चावल खप रहा
सूत्रों के अनुसार, बिहार और बंगाल जैसे राज्यों से सस्ते चावल के ट्रक रात के अंधेरे में गरियाबंद पहुंचते हैं। इन ट्रकों का नगर की राइस मिलों और एक बड़े व्यापारी के यहां नियमित आना-जाना है। व्यापारी की ऊंची पहुंच के कारण प्रशासन कोई कदम उठाने से कतराता है।
गरियाबंद बन रहा कालाबाजारी का केंद्र
खाद्य विभाग की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही के चलते गरियाबंद जिले में पीडीएस चावल की कालाबाजारी लगातार बढ़ रही है। यह गोरखधंधा न केवल शासन की छवि को धूमिल कर रहा है, बल्कि गरीबों के अधिकारों पर भी डाका डाल रहा है।
प्रशासन की नींद अब टूटेगी, या फिर गरियाबंद इसी तरह कालाबाजारी का केंद्र बनकर रह जाएगा?
इस मामले में खाद्य अधिकारी सुधीर गुरु से बात हुई उन्होंने कहा उनकी जानकारी में अभी आया है वह कार्रवाई करवाते हैं