हिमांशु साँगाणी गरियाबंद
गरियाबंद छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में महतारी वंदन योजना के नाम पर ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जो सरकारी योजनाओं का मजाक उड़ाने का एक नया उदाहरण बन गया है। यहां के सचिव रमाकांत गोस्वामी ने अपनी शिक्षिका पत्नी नीलम गोस्वामी के साथ मिलकर इस योजना को अपनी घरेलू आय का जरिया बना लिया।

साहब और मैडम का ‘जुगलबंदी कांड’
घोड़ारी पंचायत के सचिव रमाकांत गोस्वामी ने अपनी पत्नी नीलम के नाम पर महतारी वंदन योजना का फॉर्म भरकर उसे पात्र हितग्राही बना दिया। जबकि नीलम खुद सरकारी शिक्षिका हैं और घोड़ारी पंचायत की निवासी भी नहीं। सरकारी नौकरी में होने के बावजूद योजना के तहत मिलने वाली राशि सीधे नीलम के बैंक खाते में जमा हो रही थी।
कैसे रची गई साजिश?
कहानी में ट्विस्ट तब आया जब रमाकांत ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता जोगी की लॉगिन आईडी और पासवर्ड यह कहकर ले लिया कि फॉर्म भरना है। सुनीता को भनक तक नहीं लगी कि उनके यूजरनेम का इस्तेमाल फर्जीवाड़े के लिए होगा। जब मामला खुला, तो रमाकांत ने हंसते हुए कह दिया, “डिलीट कर दो फॉर्म।”
महिला सशक्तिकरण या सचिव सशक्तिकरण?
सरकार ने यह योजना मातृत्व सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की थी। लेकिन महासमुंद में इस योजना का उपयोग परिवार को ‘सशक्त’ करने के लिए हो रहा है। साहब और मैडम की यह जोड़ी हर महीने सरकार से तनख्वाह के अलावा हजार रुपए का ‘बोनस’ भी वसूल रही थी।
‘सनी लियोनी’ भी पीछे छूट गईं!
इससे पहले बस्तर में सनी लियोनी के नाम पर फॉर्म भरने का मामला सुर्खियों में था। लेकिन महासमुंद के इस प्रकरण ने उसे भी पीछे छोड़ दिया। अब यह सवाल उठता है कि ऐसे सरकारी कर्मचारी जनता के भरोसे और सरकारी योजनाओं के साथ कैसा न्याय करेंगे?
कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के आदेश
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए सचिव रमाकांत को निलंबित कर दिया गया है। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने शिक्षिका नीलम गोस्वामी पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एफआईआर दर्ज करने की तैयारी हो रही है।
शासकीय कर्मियों के लिए चरित्र वंदन योजना लागू हो ।
सरकारी नौकरी में बैठे ऐसे लोग न केवल कानून का मजाक बना रहे हैं, बल्कि गरीबों के अधिकार छीनकर योजनाओं को अपनी निजी संपत्ति समझने लगे हैं। क्या अब सरकार को अपने कर्मचारियों के लिए कोई ‘चरित्र वंदन योजना’ लानी चाहिए?