हिमांशु साँगाणी / गरियाबंद
अब छत्तीसगढ़ में होगी पूछताछ, एसआईटी जांच रिपोर्ट जल्द
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को एसआईटी की टीम ने रविवार की रात हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि वह शुरू से वहां छिपा हुआ था। पुलिस आरोपी को आज छत्तीसगढ़ लेकर पहुंचेगी, जहां उससे गहन पूछताछ होगी। इसके पहले पुलिस ने कल शाम सुरेश चंद्रकार की पत्नी को कांकेर से गिरफ्तार कर लिया है इस गिरफ्तारी के साथ ही इस सनसनीखेज हत्याकांड के सभी पांच आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं।

सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी क्यों अहम?
मुकेश चंद्राकर की हत्या में सुरेश चंद्राकर की भूमिका को लेकर पहले से ही कई संदेह थे। पुलिस के अनुसार, 1 जनवरी की रात मुकेश चंद्राकर को आरोपी रितेश चंद्राकर ने फोन कर बुलाया था, जिसके बाद वह ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के चट्टान पारा स्थित ठिकाने पर पहुंचे। वहीं भोजन के दौरान विवाद हुआ और फिर आरोपी रितेश चंद्राकर व महेंद्र रामटेक ने मिलकर मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक में डालकर सीमेंट से प्लास्टर कर दिया गया, ताकि किसी को संदेह न हो।
हत्या के बाद आरोपी कहां गए?
हत्या के बाद सभी आरोपी अलग अलग जगहों पर फरार हो गए थे । हालांकि, पुलिस लगातार इनका पीछा कर रही थी। चार आरोपी की गिरफ्तारी के बाद आखिरकार, सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद में ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया गया। अब पुलिस की टीम उसे छत्तीसगढ़ ला रही है, जहां पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
एसआईटी रिपोर्ट जल्द, होगी कड़ी कार्रवाई
इस मामले में सरकार भी सख्त नजर आ रही है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी 3 से 4 हफ्तों में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर गरियाबंद दौरे पर पहुंचे सीएम विष्णु देव साय ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा था की मुकेश चंद्रकार मामले में सरकार गंभीर है सरकार की त्वरित कार्रवाई को प्रदेश के साथ साथ देशभर ने देखा है आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जावेगी ।
पत्रकार संगठनों का गुस्सा, सुरक्षा कानून की मांग तेज
मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या को लेकर पूरे राज्य और देशभर के पत्रकार संगठनों में आक्रोश है। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग जोर पकड़ रही है। कई संगठनों ने साफ कहा है कि दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी पत्रकार की आवाज को दबाने की हिम्मत कोई न कर सके।
अब जब मुख्य आरोपी सुरेश चंद्रकार पुलिस की गिरफ्त में है, तो इस मामले में नए खुलासे होने की उम्मीद है। क्या यह हत्या केवल व्यक्तिगत रंजिश का परिणाम थी, या फिर इसमें और भी बड़े नाम शामिल हैं? पुलिस की जांच अब इस दिशा में आगे बढ़ेगी।