हिमांशु साँगाणी गरियाबंद
गरियाबंद। जैसे ही कांग्रेस (Congress) ने अपने पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी की, पार्टी के अंदर हंगामा खड़ा हो गया। वार्ड न 2 , 4 और 12 से कई नाराज कार्यकर्ता दल बदल के साथ कांग्रेस भवन पहुंचे है ये कांग्रेस द्वारा जारी सूची से नाराज़ हैं, और कांग्रेस भवन के बाहर ताम्रध्वज साहू और दीपक बैज के खिलाफ नारे बाजी कर रहे है और यह नाराज़गी इतनी गहरी है कि कल निर्दलीय (Independent) उम्मीदवारों के नामांकन की संभावना बढ़ गई है।

भाजपा (BJP) की तरह अब कांग्रेस भी अपने प्रत्याशियों की सूची में बदलाव कर सकती है। “पैरी टाइम्स” ने सुबह ही इस बवाल की आशंका जाहिर की थी और अब वह सच साबित होती दिख रही है।
नामांकन के अंतिम दिन से पहले हलचल तेज
पार्टी के शीर्ष नेताओं तक यह खबर पहुँच चुकी है कि सूची को लेकर जमीनी स्तर पर भारी असंतोष है। नाराज़ कार्यकर्ताओं को मनाने में पार्टी रातभर जुटी हुई है। संभावना है कि देर रात तक सूची में बदलाव हो सकता है।
“भाजपा के लिए फायदे का सौदा”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के इस अंदरूनी बवाल का सीधा फायदा भाजपा को होगा। पहले ही भाजपा कई मुद्दों पर कांग्रेस से आगे चल रही है, और यह असंतोष उसके लिए ‘icing on the cake’ जैसा साबित हो सकता है।
निर्दलीय की बढ़ती ताकत
अध्यक्ष पद के दो दावेदारों और पार्षद के कई असंतुष्ट उम्मीदवारों के निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने की चर्चा जोर पकड़ रही है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव पहले ही मुश्किल था, और अब यह असंतोष ‘final nail in the coffin’ साबित हो सकता है।
कांग्रेस: “Damage control mode on”
सूची पर मचे घमासान से कांग्रेस की छवि को तगड़ा झटका लग सकता है। पार्टी के शीर्ष नेता फिलहाल हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि कार्यकर्ताओं को शांत किया जाए। परंतु, “too little, too late” वाली स्थिति बनती नजर आ रही है।
नामांकन के अंतिम दिन यानी कल तक गरियाबंद की राजनीति में और भी दिलचस्प मोड़ देखने को मिल सकते हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए यह ‘do or die’ जैसा है।