हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद, प्यार के नाम पर धोखा, अपहरण और दुष्कर्म के इस सनसनीखेज मामले में न्याय की आवाज बुलंद हुई है। फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय, गरियाबंद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने आरोपी अदबल उर्फ अदा मांझी (30) को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाकर साफ संदेश दिया है— कानून के हाथ लंबे हैं और पीड़ितों की आवाज सुनी जाएगी।

झूठे वादे, बड़ी सजा
उड़ीसा के नुआपाड़ा जिले के बम्हनीगुड़ा निवासी अदबल मांझी ने शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़की को बहलाया और अपहरण कर उसके साथ घिनौना कृत्य किया। 17 नवंबर 2023 को घर से अचानक गायब हुई 17 वर्षीय किशोरी की तलाश उसके पिता ने शुरू की। थक-हारकर उन्होंने देवभोग थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने अपनी तेज कार्रवाई में पीड़िता को आरोपी के कब्जे से बरामद किया।
दूध का दूध, पानी का पानी
विशेष लोक अभियोजक एच.एन. त्रिवेदी के मुताबिक, न्यायालय में 12 गवाह पेश किए गए, जिन्होंने मामले को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया। साक्ष्यों की गहराई से पड़ताल के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराया।
धारा 363 (अपहरण) के तहत 2 साल का कारावास और 1,000 रुपये जुर्माना
धारा 366 (शादी के लिए अपहरण) के तहत 5 साल का कारावास और 2,000 रुपये जुर्माना
पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 साल का सश्रम कारावास और 5,000 रुपये का अर्थदंड
पीड़िता को मिलेगा न्याय का आर्थिक सहारा
सिर्फ सजा ही नहीं, अदालत ने पीड़िता की मानसिक और शारीरिक पीड़ा को भी समझते हुए उसे 5 लाख रुपये मुआवजा दिलाने का आदेश दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर को यह रकम जल्द से जल्द देने के निर्देश दिए गए हैं।