हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद शिक्षा के मंदिर को मस्ती का अड्डा बनाना दो शिक्षकों को महंगा पड़ गया। गरियाबंद जिले के शासकीय आदिवासी बालक आश्रम प्राइमरी स्कूल भौदी के प्रधान पाठक दामधर नेताम और शासकीय मिडिल स्कूल भौदी के शिक्षक भागवत ध्रुव शराब के नशे में गुरुवार को स्कूल भवन में सोते पाए गए थे शिकायत मिलने पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) गजेंद्र ध्रुव ने मामले की जांच के उपरांत दोनों का जिला अस्पताल में मेडिको-लीगल सर्टिफिकेट (एमएलसी) कराया, जिसमें दोनों के नशे में होने की पुष्टि हुई।

एक शिक्षक निलंबित, दूसरे की बारी जल्द
जांच में दोषी पाए जाने के बाद दामधर नेताम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, दूसरे शिक्षक भागवत ध्रुव के निलंबन की अनुशंसा संयुक्त संचालक को भेजी गई है। बीईओ गजेंद्र ध्रुव ने बताया, “हमें शिकायत मिली थी कि दोनों शिक्षक स्कूल के समय में शराब के नशे में शाला भवन में सो रहे हैं। एमएलसी में पुष्टि होने के बाद एक शिक्षक पर कार्रवाई की गई है, जबकि दूसरे शिक्षक के निलंबन की प्रक्रिया जारी है।”
शिक्षा विभाग सख्त, अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों में अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षा विभाग ने संकेत दिया है कि इस तरह की लापरवाही करने वाले शिक्षकों पर आगे भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
मामले के सामने आने के बाद स्थानीय अभिभावकों में गुस्सा है। उनका कहना है कि वैसे ही दूरस्थ क्षेत्रों में कोई शिक्षक आना नहीं चाहता मगर किसी वजह से अगर आ जाते हैं तो फिर वह ध्यान नहीं देंगे और इसी तरह की लापरवाही करेंगे तो बच्चो की।पढ़ाई का क्या होगा ।