गरियाबंद। जिले में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ने दमदार प्रदर्शन करते हुए छह में से चार सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस को सिर्फ दो जगह ही कामयाबी मिली। यह नतीजे आने वाले बड़े चुनावों के संकेत दे रहे हैं कि जमीनी स्तर पर सत्ता का समीकरण तेजी से बदल रहा है।

नगर पालिका गरियाबंद: कांटे की टक्कर में भाजपा विजयी
गरियाबंद नगर पालिका के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रिखीराम यादव ने 164 वोटों से जीत दर्ज की। भाजपा ने यहां 9 सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस को 4 सीटें मिलीं और 2 निर्दलीय उम्मीदवार भी पार्षद बने।
फिंगेश्वर में अध्यक्ष कांग्रेस का, लेकिन भाजपा ने बनाई पार्षदों में बढ़त
फिंगेश्वर में कांग्रेस के धनराज सूर्यवंशी ने अध्यक्ष पद पर कब्जा किया, लेकिन पार्षदों के समीकरण में भाजपा का दबदबा रहा। यहां भाजपा के 5 पार्षद, कांग्रेस के 3 पार्षद, और 7 निर्दलीय पार्षद जीते, जिससे नगर पंचायत में सत्ता का संतुलन दिलचस्प हो गया है।
राजिम में भाजपा का एकतरफा प्रदर्शन
राजिम में भाजपा प्रत्याशी महेश यादव ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। पार्षदों की स्थिति भी भाजपा के पक्ष में रही, जहां 10 सीटें भाजपा के खाते में गईं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 3 सीटें मिलीं और 2 निर्दलीय प्रत्याशी भी पार्षद बने।
छुरा: कांग्रेस पार्षदों में आगे, लेकिन अध्यक्ष भाजपा का
छुरा में भाजपा की लोकेश्वरी निषाद अध्यक्ष बनीं, लेकिन पार्षदों के गणित में कांग्रेस आगे रही। यहां भाजपा को 6 सीटें, जबकि कांग्रेस को 9 सीटें मिलीं, जिससे भविष्य की राजनीति रोचक होने वाली है।
देवभोग और कोपरा: कांग्रेस और भाजपा ने बांटी सीटें
देवभोग में कांग्रेस के राजेश तिवारी ने 100 वोटों से जीत दर्ज की, जबकि कोपरा में भाजपा के रुपनारायण साहू ने 600 वोटों से शानदार जीत हासिल की।
क्या संकेत दे रहे हैं ये नतीजे?
गरियाबंद जिले के नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे बताते हैं कि भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। कांग्रेस के लिए फिंगेश्वर और देवभोग में जीत राहत भरी जरूर है, लेकिन समग्र रूप से यह चुनाव भाजपा के पक्ष में गया। निर्दलीयों की संख्या भी काफी रही, जिससे कई जगह समीकरण बदल सकते हैं। अब देखना यह होगा कि यह बढ़त भाजपा आने वाले चुनावों में बरकरार रख पाती है या नहीं।