हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद। पंचायत चुनाव आते ही हर गांव में प्रत्याशी अपने-अपने वादों के साथ मैदान में उतरते हैं। कहीं सड़क का मुद्दा उठता है, तो कहीं पानी-बिजली की समस्या पर बहस होती है। लेकिन छुरा ब्लॉक के खरखरा गांव में इस बार मोबाइल नेटवर्क टावर चुनावी वादों की सूची में सबसे ऊपर है।

हाइवे से लगा हुआ गांव होने के बाद भी उपेक्षित।
गरियाबंद से छुरा जाने वाले स्टेट हाइवे के किनारे बसे खरखरा पंचायत के तहत खरखरा, धरमपुर, पंडरिपानी और तिलईदादर गांव आते हैं। इन गांवों में नेटवर्क की इतनी गंभीर समस्या है कि लोग मोबाइल पर बात करने के लिए छतों, खेतों और पहाड़ियों पर चढ़ने को मजबूर हैं। यहां तक कि ऑनलाइन पढ़ाई, डिजिटल लेन-देन और सरकारी योजनाओं की जानकारी पाना भी मुश्किल हो गया है।
पंच प्रत्याशी ने ठाना नेटवर्क गांव में है पहुंचाना
इस चुनौती को देखते हुए वार्ड नंबर 3 से पंच पद के प्रत्याशी थानेश्वर तिवारी ने गांव में मोबाइल नेटवर्क टावर लगवाने का वादा किया है। उन्होंने अपने घोषणापत्र में अन्य विकास कार्यों जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास, सड़क-नाली निर्माण, शमशान घाट और गौठान का सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट लाइट और खेल मैदान निर्माण को भी प्राथमिकता दी है।
गांव के युवा फिल्म निर्माता हेमंत तिवारी राहुल का कहना है कि नेटवर्क नहीं होने से छात्र ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं और डिजिटल सेवाओं तक उनकी पहुंच नहीं बन पाती। उन्होंने कहा कि थानेश्वर तिवारी की योजना सही दिशा में है, जिससे गांव को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा सकता है।
क्या चुनाव के बाद भी रहेगा नेटवर्क टावर का मुद्दा?
हर चुनाव में वादे किए जाते हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या खरखरा के लोग इस बार ऐसे प्रतिनिधि का चुनाव करेंगे, जो इस समस्या को गंभीरता से ले और समाधान तक पहुंचाए? पंचायत चुनाव के नतीजे इस दिशा में कितना बदलाव लाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।