हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद। पंचायत चुनाव के दौरान शराब पीने की घटना सामने आई है, मतदान केंद्र क्रमांक 72 (शासकीय प्राथमिक शाला, कुकदा) पर तैनात पीठासीन अधिकारी छगन लाल शोनेन्द्र ने अपनी ड्यूटी को इतनी गंभीरता से लिया कि वह खुद ही मतदान केंद्र में “बेहोश” हो गए! कारण? शराब के नशे में धुत होकर मतदान केंद्र में ही सो गए, जिससे मतदान प्रक्रिया ठप हो गई।

मतदान छोड़कर नींद की गोद में अधिकारी!
जानकारी के अनुसार, छगन लाल शोनेन्द्र, जो कि प्रधान पाठक (शा.पूर्व. मा.शाला, कांटीदादर, गरियाबंद) के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें पंचायत चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही उन्होंने मतदाताओं की चिंता छोड़कर खुद को मदहोशी के हवाले कर दिया। मतदान कर्मियों ने उन्हें जगाने की बहुत कोशिश की, लेकिन महाशय गहरी नींद में लीन थे ।
शराब सेवन की हुई पुष्टि, तत्काल निलंबन!
स्थिति को देखते हुए प्रशासन हरकत में आया और चिकित्सीय जांच कराई गई, जिसमें यह पुष्टि हो गई कि श्री शोनेन्द्र ने ड्यूटी के दौरान शराब का सेवन किया था। चुनाव आयोग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तुरंत प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई की।
अब क्या होगा?
निलंबन आदेश के अनुसार, श्री छगन लाल शोनेन्द्र को गरियाबंद विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मुख्यालय तय किया गया है, और निलंबन अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
प्रशासन सख्त, लेकिन सवाल बाकी!
- क्या छत्तीसगढ़ में चुनाव ड्यूटी पर शराब पीने का यह पहला मामला है?
- क्या अन्य मतदान केंद्रों पर भी ऐसी लापरवाही हुई होगी?
- चुनाव आयोग की निगरानी प्रणाली कितनी प्रभावी है?