हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद। मैनपुर ब्लॉक के कोसमी, दर्रीपारा, आमगांव, खरता, रावनडिग्गी समेत कई गांवों में पिछले 15 दिनों से लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। बिजली तो आती है, लेकिन इतनी सुस्त चाल में कि पंखा भी मरी हुई मक्खी की तरह हिलता है और बोरवेल पंप स्टार्ट करने की बात तो दूर, मोबाइल चार्ज करने में भी घंटों लग जाते हैं। इस बिजली संकट ने किसानों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। खेतों में खड़ी फसलें पानी के बिना दम तोड़ रही हैं, क्योंकि लो वोल्टेज के कारण बोरवेल पंप चालू ही नहीं हो पा रहे। आलम यह है कि कई किसान अपनी फसल को छोड़ने की सोच रहे हैं।

बिजली विभाग के दावे, लेकिन जमीन पर समस्या जस की तस
इस मामले को लेकर जब बिजली विभाग के ए.ई. संजीव कुमार बंजारे से लो वोल्टेज की समस्या को लेकर बात की गई तो उन्होंने बुधवार को ही वोल्टेज बढ़ा देने की बात कही । और बुधवार के बाद उनके पास किसी किसी की शिकायत नहीं आई है इधर ग्रामीणों का कहना है कि बिजली का हाल अब भी वैसा ही है।
गर्मी में दिक्कत, फसलें बर्बाद – आखिर कब मिलेगा हल?
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग से बार-बार शिकायत के बाद भी लो वोल्टेज की समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं मिला। गर्मी बढ़ने के साथ ही यह समस्या और गंभीर होती जा रही है। गांव के लोग न सिर्फ बिजली कटौती से परेशान हैं, बल्कि लो वोल्टेज के कारण उनके रोजमर्रा के काम भी प्रभावित हो रहे हैं।
ग्रामीणों की चेतावनी – आंदोलन के लिए होंगे मजबूर!
ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही लो वोल्टेज की बिजली व्यवस्था ठीक नहीं हुई, तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि “जब बिजली विभाग को ही वोल्टेज नहीं मिल रहा कि समस्या हल कर सके, तो फिर हमें आंदोलन में हाई वोल्टेज देना पड़ेगा!”
अब देखने वाली बात यह होगी कि बिजली विभाग अपनी ‘पावर’ दिखाता है या फिर किसानों की ‘हाई वोल्टेज’ नाराजगी से झटका खाता है!
देखिए रोहित साहू के बिगड़े बोले