हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद मालगांव पंचायत चुनाव में इस बार युवा नेताओ ने न सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि जनता का भरोसा भी हासिल किया। अब्दुल रहीम और भीम निषाद की सफलता ने यह साबित कर दिया कि नई सोच और नई ऊर्जा ही अब गांव की राजनीति को आगे ले जाने वाली है।

अब्दुल रहीम: युवाओं की नई पहचान!
31 वर्षीय अब्दुल रहीम ने कुल 71 में से 50 मत प्राप्त करते हुए पंच पद जीतकर यह दिखा दिया कि जनता अब बदलाव चाहती है। और युवा नेताओ को उनकी साफ-सुथरी छवि और जमीनी पकड़ ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। रहीम न सिर्फ पंचायत की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं, बल्कि उनके पास इन्हें हल करने के लिए ठोस योजनाएं भी हैं। यही कारण है कि अब वे उपसरपंच पद की रेस में सबसे आगे हैं। अगर उन्हें यह जिम्मेदारी मिलती है, तो निश्चित रूप से पंचायत को एक नई दिशा मिलेगी।
भीम निषाद: जनपद में नया नेतृत्व!
35 वर्षीय समाजसेवी भीम निषाद ने जनपद क्षेत्र क्रमांक 1 से 560 मतों से जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि जनता अब पारंपरिक राजनीति से आगे बढ़कर ऐसे नेता चाहती है, जो उनके हक की बात करें। भीम निषाद का सामाजिक कार्यों में गहरा जुड़ाव रहा है और यही वजह है कि वे लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बना चुके हैं। युवा नेता के तौर पर जनपद उपाध्यक्ष पद के लिए उनका नाम सबसे मजबूत दावेदारों में शामिल है। अगर वे इस पद तक पहुंचते हैं, तो निश्चित रूप से ग्रामीण विकास की गति तेज होगी।
युवा नेतृत्व से उम्मीदें!
इन नतीजों से यह साफ हो गया कि जनता अब जमीनी नेताओं को आगे देखना चाहती है। रहीम और निषाद दोनों ही ऐसे युवा नेता हैं, जिन्होंने राजनीति को सेवा के रूप में अपनाया है। अगर उन्हें सही मंच और सहयोग मिलता है, तो वे न सिर्फ अपने क्षेत्र का विकास करेंगे, बल्कि आने वाले समय में एक सशक्त नेतृत्व के रूप में उभर सकते हैं। अब देखना यह है कि पंचायत और जनपद की यह युवा जोड़ी मिलकर किस तरह बदलाव की नींव रखती है और जनता के सपनों को हकीकत में बदलती है!