छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला: अब स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों को मिलेगा साप्ताहिक अवकाश और सवैतनिक छुट्टी!

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के लिए राहत भरा फैसला लिया है। अब उन्हें 8 घंटे की तय कार्यावधि के साथ साप्ताहिक रोटेशनल अवकाश और महीने में एक दिन का सवैतनिक आकस्मिक अवकाश मिलेगा। यह फैसला राज्य के सभी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में लागू होगा, जिससे हजारों सफाई कर्मियों को लाभ मिलेगा।

छत्तीसगढ़ सफाई कर्मियों को अवकाश

क्या हैं नए निर्देश?

छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने मिशन क्लीन सिटी के तहत सफाई कर्मियों की दशा सुधारने के लिए ये नए निर्देश जारी किए हैं। अब तक कई निकायों में सफाई कर्मियों से तय कार्यावधि से अधिक काम लिया जाता था, लेकिन अब यह प्रतिबंधित होगा।

स्वच्छता दीदियों के लिए नई सुविधाएं:

8 घंटे की तय कार्यावधि: सुबह 6 से दोपहर 3 बजे (1 घंटे के ब्रेक के साथ) या सुबह 7 से शाम 4 बजे तक।
साप्ताहिक अवकाश: रोस्टर के आधार पर सभी कर्मियों को मिलेगा, जिससे सफाई व्यवस्था प्रभावित न हो।
1 दिन की सवैतनिक आकस्मिक छुट्टी: हर महीने एक दिन का सवैतनिक अवकाश।
स्वास्थ्य जांच: सफाई कर्मियों के लिए मुफ्त ब्लड टेस्ट, शुगर, बीपी, यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रॉल सहित कई मेडिकल टेस्ट अनिवार्य किए गए हैं।

कर्मचारियों से नहीं लिया जाएगा अतिरिक्त कार्य

सरकार ने स्पष्ट किया है कि स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों का मुख्य कार्य डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और निपटान है। कुछ नगर निकायों द्वारा इनसे नाली सफाई, स्ट्रीट स्वीपिंग जैसे अन्य कार्य भी करवाए जा रहे थे, जो अब पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। अगर कोई निकाय इन निर्देशों का उल्लंघन करेगा, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?

प्रदेश में सफाई कर्मी लंबे समय से कम वेतन, अनियमित अवकाश और अतिरिक्त कार्यभार की शिकायत कर रहे थे। राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने इस पर संज्ञान लेते हुए नया आदेश जारी किया है। अब सभी नगरीय निकायों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि नए निर्देशों का सख्ती से पालन हो।

स्वच्छता कर्मियों के लिए बड़ा बदलाव

नए नियमों के तहत एसएलआरएम सेंटरों (मणिकंचन केंद्रों) की मरम्मत और रखरखाव के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाएगा। सुपरवाइजर की नियुक्ति निकाय के कर्मचारी या स्वसहायता समूह के सदस्यों से ही की जाएगी।

स्वच्छता दीदियों की राय

इस फैसले को लेकर सफाई कर्मियों में खुशी की लहर है। रायपुर की स्वच्छता दीदी कमला बाई ने कहा,
“पहले हमें कभी छुट्टी नहीं मिलती थी, बीमार होने पर भी काम करना पड़ता था। अब सरकार ने हमारी सुध ली है, यह बहुत अच्छी पहल है।”

वहीं, भिलाई नगर निगम के सफाई मित्र रामकुमार साहू ने कहा,
“पहले हमसे तय समय से ज्यादा काम लिया जाता था, अब कम से कम हमारी ड्यूटी फिक्स हो गई है। इससे हम अपने परिवार को भी समय दे सकेंगे।”

क्या यह फैसला सभी नगर निगमों में लागू होगा?

सरकार ने यह आदेश सभी नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में लागू कर दिया है। हालांकि, रायपुर, भिलाई और रिसाली नगर निगमों को इससे फिलहाल अलग रखा गया है।

अधिकारियों को निरीक्षण के निर्देश

राज्य सरकार ने संयुक्त संचालकों को निर्देश दिया है कि वे नियमित रूप से नगरीय निकायों का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि सफाई कर्मियों को उनके अधिकार मिल रहे हैं या नहीं।

महत्वपूर्ण फैसला

छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला स्वच्छता कर्मियों के अधिकारों को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों को न केवल बेहतर कार्य परिस्थितियां मिलेंगी, बल्कि उनकी जीवनशैली और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। अब देखना होगा कि ये नियम कितनी तेजी से प्रभावी होते हैं और सफाई कर्मियों के लिए वास्तविक बदलाव लाते हैं या नहीं।

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अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

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