हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद मैंनपुर। जंगल की शांत वादियों में आज सुबह एक दर्दनाक मंजर देखने को मिला। उरतूली घाट पुल के पास सड़क किनारे एक तेंदुए का shavak लहूलुहान हालत में पड़ा था। किसी अज्ञात वाहन ने रात के अंधेरे में उसे टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। सिर पर गहरी चोटें थीं, खून लगातार बह रहा था, और मासूम शावक की हल्की-हल्की सांसें चल रही थी

वन्य जीव विचरण क्षेत्र में तेज रफ्तार से बढ़ते हादसे
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह इलाका वन्यजीवों के लिए जाना जाता है, लेकिन सड़कें बन जाने के बाद यहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। इंसानों की बढ़ती गतिविधियां और तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आए जंगल के इस नन्हे शिकारी के लिए हालात बेहद गंभीर हैं।
वन विभाग की रेस्क्यू ऑपरेशन में दिखी तेजी
सुबह होते ही स्थानीय लोगों ने घायल तेंदुए के शावक को देखा और तुरंत वन विभाग को सूचना दी। विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शावक को बचाने के लिए इलाज शुरू किया और उसे इलाज के लिए गरियाबंद लाया गया है। फिलहाल, उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। वन अधिकारी लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं और उसे बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।
क्या प्रशासन उठाएगा सख्त कदम?
इस घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। वे मांग कर रहे हैं कि जंगलों के पास वाहनों की स्पीड लिमिट तय की जाए और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, ताकि इस तरह के हादसों से वन्यजीवों को बचाया जा सके। लेकिन सवाल यह है कि क्या प्रशासन सिर्फ अपील करेगा या कोई ठोस कार्रवाई भी होगी?