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हिमांशु साँगाणी
गरियाबंद। जंगलों में वन्यजीवों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने और उनके संरक्षण को मजबूत करने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट ट्रैप कैमरा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व (Udanti Sitanadi Tiger Reserve) में लगाए गए AI-सक्षम ट्रैप कैमरों (AI-Enabled Trap Cameras) ने तेंदुआ, सोनकुत्ता, भालू, नीलगाय, चीतल और मोर जैसे दुर्लभ वन्यजीवों को रिकॉर्ड किया है।

इन तस्वीरों और वीडियो को टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन (Varun Jain, Deputy Director) ने AI इमेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी (AI Image Processing Technology) की मदद से और भी साफ व आकर्षक बनाया है, जिससे जंगल की असली सुंदरता लोगों तक पहुंच सके।
AI और ट्रैप कैमरा कैसे कर रहे हैं चमत्कार?
➡ AI इमेज एनहांसमेंट (AI Image Enhancement): वीडियो और तस्वीरों की क्वालिटी को बढ़ाकर जीवों की स्पष्ट पहचान संभव होती है।
➡ रियल-टाइम वाइल्डलाइफ ट्रैकिंग (Real-Time Wildlife Tracking): AI के जरिए वन्यजीवों की संख्या और गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।
➡ स्मार्ट अलर्ट सिस्टम (Smart Alert System): यदि कोई संदिग्ध गतिविधि होती है, तो ट्रैप कैमरा और AI तुरंत अलर्ट भेजते हैं।
देखें वीडियो: जंगल के रहस्यों से भरी यह AI टेक्नोलॉजी!
वन विभाग ने 21 दिन उदंती और 21 दिन सीतानदी टाइगर रिजर्व (21 Days Udanti & Sitanadi Tiger Reserve) में इन स्मार्ट ट्रैप कैमरों (Smart Wildlife Camera) को लगाया था, जिससे यह अनमोल फुटेज सामने आई है।
[➡ वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें!]
AI टेक्नोलॉजी से वन्यजीव संरक्षण को नई गति
AI के जरिए अब जंगलों में शिकारियों की गतिविधियों (Poaching Prevention) और वन्यजीवों की असली स्थिति को बेहतर तरीके से मॉनिटर किया जा सकता है।
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