बोर्ड परीक्षा के बीच बिजली संकट प्रशासन की अनदेखी के बाद कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए दिया अल्टीमेटम ।

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की नाकामी एक बार फिर उजागर हुई, जब बोर्ड परीक्षाओं के बीच बिजली विभाग ने 100 से अधिक घरों के कनेक्शन काट दिए। इससे छात्रों की पढ़ाई ठप हो गई और ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। भाजपा सरकार के इस असंवेदनशील कदम के खिलाफ युवा कांग्रेस और एनएसयूआई ने तहसील कार्यालय का घेराव कर तीन दिन का अल्टीमेटम दिया।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, कांग्रेस उतरी मैदान में

ग्रामीणों का कहना है कि बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन भाजपा सरकार इसे ठीक करने में नाकाम रही है। अब जब छात्र बोर्ड परीक्षा दे रहे हैं, तो बिना किसी पूर्व सूचना के 100 से अधिक घरों की बिजली काट देना सरकार की लापरवाही और तानाशाही को दिखाता है।

इस प्रदर्शन का नेतृत्व जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम और ब्लॉक अध्यक्ष मनोज पांडे ने किया। नेताम ने कहा, “भाजपा सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है कि आज गांवों में बिजली की इतनी खराब स्थिति है। अगर तीन दिन में बिजली कनेक्शन बहाल नहीं किए गए, तो हम हितग्राही परिवारों के साथ मिलकर बिजली विभाग के दफ्तर के सामने भूख हड़ताल करेंगे।”

प्रशासन की वादाखिलाफी, कांग्रेस ने खोली पोल

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से न केवल छात्र, बल्कि किसान और व्यापारी भी प्रभावित हैं। भाजपा सरकार चुनाव के समय 24 घंटे बिजली देने का वादा करती है, लेकिन अब लोगों को घोर अंधेरे में छोड़ दिया गया है।

इस मुद्दे को लेकर युवा कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और तहसीलदार अनिल भोई को ज्ञापन सौंपा।

भाजपा सरकार बिजली संकट पर कब देगी जवाब?

अब सवाल यह है कि प्रशासन तीन दिन के भीतर कोई ठोस कदम उठाएगा या नहीं। अगर समाधान नहीं निकला तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

प्रदर्शन में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे मौजूद

इस प्रदर्शन में प्रमुख रूप से कांग्रेस प्रवक्ता श्रवण सतपथी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनोज पांडे, एनएसयूआई अध्यक्ष धर्मेंद्र बघेल, उमेश डोंगरे, अल्तमस खान, देवानंद राजपूत समेत सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। अब देखना होगा कि प्रशासन अपनी नाकामी को सुधारने के लिए कुछ करती है या कांग्रेस को मजबूरन आंदोलन का अगला चरण शुरू करना पड़ेगा?

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अधिमान्य पत्रकार गरियाबंद

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