हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क
देवभोग, गरियाबंद।
जिस सड़क को देखकर लोगों ने कहा था “अब सफर आसान होगा”, वही अब बन गई है मौत का फिसलता फंदा। देवभोग की नई सपाट और चौड़ी सड़क हादसों का अड्डा बन चुकी है। बुधवार को मुड़ागांव के पास एक और बड़ा देवभोग सड़क हादसा हुआ, जिसमें इंदौर से ओडिशा जा रहे युवक की मौत हो गई, जबकि मासूम समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

मृतक युवक की पहचान कैलाश चौहान पिता हरचंद चौहान (29), निवासी कसारा बत, जिला खरगोन (मप्र) के रूप में हुई है। वह अपने परिवार सहित कुर्सी बेचने ओडिशा के कुम्हड़ईबंद जा रहा था। बाइक से 8 अप्रैल को इंदौर से निकले थे और 10 अप्रैल को देवभोग में काल ने रास्ता काट लिया।

घायल हुए लोग:
1. बसंती चौहान पति ठाकुर चौहान (28), निवासी अबलीपुरा, थाना मानपुर, इंदौर
2. आयुष चौहान (3), पुत्र ठाकुर चौहान
3. जया भोई (22), पुत्र केसबो भोई, निवासी टीपीगुड़ा, थाना धर्मगढ़
4. अमूल्य भोई (19), पुत्र विद्याधर भोई और
5. विद्याधर भोई (52), पिता भरतो भोई, दोनों निवासी कदलीमुड़ा, थाना देवभोग
घटना मुड़ागांव के पास हुई जब दोनों बाइकों की आमने-सामने टक्कर हो गई।
सपाट सड़क बनी ‘स्पीड ट्रैक’, प्रशासन मौन!
देवभोग से कदलीमुड़ा के बीच लगभग 12 किलोमीटर की सड़क अब खतरे का रास्ता बन चुकी है। बीते 3 महीनों में यहां 30 से अधिक हादसे हो चुके हैं, जिनमें 10 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
सड़क की गलती नहीं है—गलती है उन चालकों की, जो इस सपाट रास्ते को रेस ट्रैक समझ बैठते हैं। अफसोस की बात ये है कि न कोई चेतावनी बोर्ड लगाए गए, न ही तेज रफ्तार पर लगाम लगाने की कोशिश।
अब सवाल सिर्फ यह नहीं कि सड़क अच्छी है, सवाल यह है कि क्या हम उसके काबिल हैं?
अगर नहीं, तो देवभोग सड़क हादसा यूं ही रोज़ की खबर बना रहेगा।
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