हिमांशु साँगाणी
उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में ढाई साल बाद बाघ की वापसी,फिर दिखे बाघ के निशान। दो भैंसों का शिकार और गांवों में फैली दहशत के बीच वन विभाग की चौकसी तेज।
गरियाबंद, उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के कुल्हाड़ीघाट परिक्षेत्र में ढाई साल की चुप्पी के बाद एक बार फिर जंगलों में बाघ की दहाड़ ने बाघ की वापसी की दस्तक सुनाई दी है। बुधवार को चिरौंजी बीनने गए ग्रामीण देवलाल सोरी ने बाघ के पगचिह्न और दो भैंसों के शिकार की जानकारी बीट गार्ड और पेट्रोलिंग श्रमिकों को दी। इससे एक दिन पहले सरपंच पति राम सिंह ने भी बाघ के पैरों के निशान देखने की सूचना दी थी।

पग मार्क्स और भैंसों के शव हुई बाघ की वापसी की पृष्टि
वन विभाग की एन्टी-पोचिंग टीम ने मौके पर पहुंचकर पगमार्क्स और भैंसों के शवों की पुष्टि की। उपनिदेशक द्वारा मौके का निरीक्षण किया गया, जहाँ दो अलग-अलग आकार के बाघों के पदचिह्न प्लास्टर ऑफ पेरिस से सुरक्षित किए गए। डीएनए जांच के लिए बाघ के मल की भी खोज की जा रही है, जिसे देहरादून स्थित टाइगर सेल भेजा जाएगा।
बाघ की वापसी के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा और ट्रैकिंग:
तेंदूपत्ता संग्रहण सीजन को देखते हुए वन विभाग ने गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को अकेले जंगल में न जाने की अपील की है। बाघ की लगातार ट्रैकिंग के लिए कैमरा ट्रैप लगाए जा रहे हैं ताकि स्ट्राइप पैटर्न से उसकी पहचान हो सके। पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी गई है।
पिछली उपस्थिति:
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2022 में टाइगर रिज़र्व में कैमरा ट्रैप में आखिरी बार बाघ की तस्वीर कैद हुई थी, जबकि दिसंबर 2022 में अंतिम बार मल सैंपल एकत्र किया गया था।
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