हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
देवभोग शराब दुकान या स्कूल सोनामुंदी में शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर पार्षद ने कलेक्टर को अल्टीमेटम दिया। एक साल से जारी संघर्ष के बावजूद दुकान अडिग, जनता में आक्रोश।
गरियाबंद/ देवभोग सोनामुंदी के शराब प्रेमियों और शराब विरोधियों के बीच अद्भुत संतुलन बना हुआ है। एक तरफ शिशु मंदिर के मासूमों की किताबें खुल रही हैं, दूसरी तरफ दुकान में बोतलें। और मज़े की बात—दोनों ही हटने के मूड में नहीं हैं!

शराब दुकान या स्कूल
शराब दुकान या स्कूल प्रशासन की कमाई बनी, जनता की परेशानी
पिछले एक साल से मोहल्लेवासी, शिक्षक, महिला समूह, पार्षद, और यहाँ तक कि जिला पंचायत अध्यक्ष भी शराब दुकान को पढ़ाई से दूर भेजने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन आबकारी विभाग का जवाब वही पुराना जैसे चल रहा है, वैसे ही चलने दो।

समाधान शिविर में फिर उभरी असमझदारी की पुरानी समस्या
वार्ड पार्षद विनोद पांडे ने इस बार समाधान शिविर में ज्ञापन देकर प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है ।15 दिन में शराब दुकान न हटी, तो धरना-शिविर वहीं लगेगा। अब देखना है कि आंदोलन पहले होगा या फिर दुकान की सालगिरह मनाई जाएगी।
क्यों हटाना चाहते हैं लोग दुकान?
शिशु मंदिर के बाहर ‘ऑन लोकेशन’ शराब पार्टी
सड़क पर शराबियों की मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट
कांच की बोतलों से सड़क पर माइन फील्ड
महिला वर्कशॉप बंद, बच्चे परेशान
प्रशासन की स्थिति:
कलेक्टर ने कहा, “हम देखेंगे, सोचेंगे, विचार करेंगे…” यानी आश्वासन रिटर्न गारंटी के साथ।
आबकारी विभाग की स्थिति:
शराब दुकान को हटाना उतना ही कठिन है जितना सरकारी फाइलों को मेज से उठाना।
अब पूरे सोनामुंदी को उम्मीद है कि इस बार बोतल की नहीं, समझदारी की आवाज़ सुनी जाएगी। वरना अगली बार वार्डवासी समाधान शिविर नहीं, शराब मुक्ति आश्रम खोलने की सोच सकते हैं बस उसी दुकान के सामने!
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