हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद मोहेरा सुशासन शिविर धमतरी जिले के मोहेरा गांव में सुशासन शिविर अफरातफरी में बदल गया। पेड़ पर लगे माइक के बाद मचा कोहराम, अफसर और ग्रामीण जान बचाकर भागे। जानिए पूरी घटना।
गरियाबंद/मगरलोड धमतरी जिले के मगरलोड ब्लॉक अंतर्गत मोहेरा गांव में मंगलवार को सुशासन शिविर का आयोजन किया गया था, पर यह शिविर जितनी शांति से शुरू हुआ था, उससे कहीं ज्यादा हड़कंप के साथ समय से पहले ही समाप्त करना पड़ा। वजह? कुछ ऐसी हुई कि ना अफसर रुके, ना ग्रामीण टिके – सबने एक-दूसरे को देखते हुए जान बचाकर दौड़ लगा दी।

मोहेरा सुशासन शिविर
मोहेरा सुशासन शिविर में अचानक मची अफरातफरी, ग्रामीणों ने उठाए आयोजन पर सवाल
दरअसल, सुशासन शिविर में माइक की व्यवस्था गांव के एक पेड़ पर टांग कर की गई थी। जैसे ही उद्घाटन की औपचारिकता पूरी कर माइक ऑन हुआ, माहौल ही पलट गया। पेड़ पर कुछ “अनचाही मेहमानियाँ” पहले से मौजूद थीं, जिन्हें ये माइक अलार्म जैसा लगा – और इसके बाद जो हुआ, वो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था।

मंच से अफसर हुए नदारद, ग्रामीणों ने ढूंढा बचाव का तरीका
शिविर में मौजूद अधिकारी-कर्मचारी पल भर में कुर्सी छोड़कर गायब हो गए। ग्रामीण भी इधर-उधर दौड़ते नजर आए। एक ग्रामीण ने तो अपनी चादर ओढ़कर मैदान में ही बैठना बेहतर समझा – क्योंकि भागने की जगह ही नहीं बची थी! इस अफरातफरी में दो ग्रामीणों को हल्की चोटें भी आईं।
आयोजन की अव्यवस्था पर उठे सवाल
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पंचायत और प्रशासन पर सवाल उठाए कि आखिर बिना जांचे-परखे ऐसी व्यवस्था कैसे की जा सकती है? पेड़ पर माइक लगाना तो समझ आता है, लेकिन आसपास का मुआयना करना क्या जरूरी नहीं था?
शिविर को समय से पहले समेट दिया गया, और अब लोग सोशल मीडिया में वीडियो और तस्वीरों के साथ अपने-अपने अंदाज में “सुशासन” का अनुभव साझा कर रहे हैं।
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