हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
देवभोग सुशासन तिहार में असुशासन सुशासन तिहार के मंच पर देवभोग के निलंबित बीईओ प्रदीप शर्मा ने अधिकारियों के सामने आत्महत्या की धमकी दी। 3 साल से बहाली न होने और आर्थिक शोषण का लगाया आरोप।
भरे मंच से गरज पड़ा निलंबित BEO, कहा- “31 मई तक फैसला नहीं आया तो ले लूंगा जान”
गरियाबंद। सुशासन तिहार के रंगीन मंच पर उस वक्त सन्नाटा पसर गया, जब देवभोग के निलंबित BEO प्रदीप शर्मा ने सबके सामने आत्महत्या की धमकी दे डाली। उन्होंने कहा कि “31 मई तक मेरे मामले में अगर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया, तो उसके बाद किसी भी दिन मैं आत्महत्या कर लूंगा।”

सुशासन तिहार में असुशासन
सुशासन तिहार में असुशासन क्या है पूरा मामला? क्यों गरजे प्रदीप शर्मा?
6 सितंबर 2022 को निलंबित हुए प्रदीप शर्मा का दावा है कि उन्हें झूठे आरोपों के आधार पर बर्खास्त किया गया। पहले सुखचंद बेसरा की शिकायत पर जांच हुई, जिसमें उन्हें क्लीन चिट मिली। फिर दोबारा जांच कर उन्हें “थोड़ा बहुत दोषी” करार दिया गया और तब से अब तक बहाली नहीं हुई।
देखिए क्या बोले शर्मा…
कोर्ट भी नहीं दिला सका न्याय, प्रशासन बना दीवार
शर्मा ने बताया कि वे तीन बार माननीय न्यायालय से बहाली का आदेश ला चुके हैं, लेकिन प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। नियमों के अनुसार तीन माह बाद 75% वेतन मिलना चाहिए, लेकिन उन्हें महज 50% भुगतान किया गया।
आर्थिक तंगी और अपमान से टूटा मनोबल
प्रदीप शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्हें आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है और जानबूझकर मानसिक तनाव में रखा गया है। मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा – “जब देश में सुशासन का उत्सव मनाया जा रहा है, तब एक शिक्षक अपने न्याय के लिए आत्महत्या की कगार पर है।”
क्या प्रशासन अब जागेगा?
अब देखना ये है कि क्या गरियाबंद प्रशासन और शिक्षा विभाग इस गम्भीर चेतावनी को हल्के में लेगा या प्रदीप शर्मा को न्याय मिलेगा? जवाबदेही तय होगी या एक और सरकारी कर्मचारी सिस्टम की बेरुखी का शिकार बनेगा? हालांकि इन सारे सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं क्योंकि किसी भी सक्षम अधिकारी ने इस बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा है
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