हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद पुलिस ने 38 लोगों को उनके गुम हुए मोबाइल लौटाए। एसपी निखिल राखेचा की टीम ने संचार साथी एप की मदद से मोबाइल खोज निकाले। पढ़ें पूरी खबर
गरियाबंद,मोबाइल खो जाए तो आदमी की हालत ऐसी हो जाती है जैसे दिमाग की सिम हट गई हो। पर अगर वही मोबाइल पुलिस वाले ढूंढकर खुद लौटाएं, और वो भी मुस्कराकर, तो भरोसा दोबारा पुलिस पर लौट आता है। कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है गरियाबंद पुलिस ने, जिसने 38 मोबाइल गुमशुदा लोगों को उनके फोन लौटा दिए।

एसपी निखिल राखेचा ने जिला मुख्यालय में खुद इन मोबाइलों को मोबाइल धारकों को सौंपा। ये सभी लोग गरीब तबके से थे, जिनके लिए मोबाइल सिर्फ बात करने का जरिया नहीं, बल्कि रोज़गार, पढ़ाई और जिंदगी का सहारा था।

मोबाइल लौटे तो मुस्कान भी लौटी
मोबाइल पाकर कई लोग भावुक हो गए। किसी ने कहा सर, दो महीने से बैंक नहीं जा पा रहे थे OTP के बिना! तो किसी महिला ने कहा बच्चे की ऑनलाइन क्लास बंद थी, अब फिर शुरू होगी! पुलिस के इस काम ने जनविश्वास को मजबूत कर दिया।
संचार साथी’ बना डिजिटल जमाना का जासूसल
एसपी राखेचा ने बताया कि केंद्र सरकार का ‘संचार साथी एप’ अब गुम मोबाइल खोजने का सबसे आसान तरीका बन चुका है। इस एप के जरिए IMEI नंबर डालते ही मोबाइल की स्थिति का पता चल सकता है, और उसे ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।
टेक्निकल टीम का जलवा, मोबाइल ढूंढने में दिखाया कमाल
गरियाबंद साइबर सेल की टीम ने मोबाइल ट्रैकिंग में गजब की तेजी दिखाई। कुछ मोबाइल तो ओडिशा और झारखंड तक जाकर पकड़े गए। पुलिस ने बता दिया कि अब चोरों के लिए छुपने की कोई जगह नहीं बची, और जनता के लिए उम्मीद बाकी है।
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