हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
ट्रेड एक्सपो यूएसए” घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार10 करोड़ से अधिक के घोटाले में फरार आरोपी राजाराम तारक को गरियाबंद पुलिस ने दबोच लिया। जानिए कैसे iPhone, ब्रेजा और सोने की चैन तक इस ठग ने इनवेस्टरों की रकम से खरीदी।
गरियाबंद राजिम बड़े-बड़े वादे, भारी मुनाफे का सपना और फिर डिजिटल प्लेटफॉर्म की चमक में डूबते निवेशक …ये कहानी है ट्रेड एक्सपो यूएसए’ घोटाले की, जिसमें अब तक 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी हो चुकी है। अब इस स्कैम का एक और बड़ा नाम राजाराम तारक पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है।

ट्रेड एक्सपो यूएसए घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
ट्रेड एक्सपो यूएसए घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार कौन है राजाराम तारक?
राजाराम, रायपुर जिले के तामासिवनी गांव का रहने वाला है, लेकिन इसने गरियाबंद के कोकड़ी रोड पर ससुराल में ठिकाना बनाकर ‘हाई-प्रोफाइल’ जिंदगी जीनी शुरू कर दी थी। दरअसल, ये वही शख्स है जिसने 1 करोड़ 43 लाख रुपये की रकम ठगी कर महंगी ब्रेजा कार, दो-दो iPhone, सोने की अंगूठी व चैन, और नकद से भरी जेब बनाई थी।

पुलिस की रडार पर कैसे आया राजाराम?
19 दिसंबर 2024 को राजिम थाना में संतोष देवांगन ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच बढ़ी तो सामने आया कि राजाराम समेत सात लोग निवेशकों से रोज ब्याज का लालच देकर फर्जी प्लेटफॉर्म पर ट्रेड डॉलर के नाम पर ठगी कर रहे थे। इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड था अरुण द्विवेदी, जिसके खिलाफ झारखंड CID में भी मामला दर्ज है।
निवेशक फंसे और खुल गया खेल
जब लोगों को उनके अकाउंट से न तो मूल रकम निकली न ब्याज, तब खुलासा हुआ कि ये सिर्फ झूठा डिजिटल सपना था। अब तक छत्तीसगढ़ और झारखंड के करीब 105 से ज्यादा लोग 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का शिकार बन चुके हैं।
फिजूलखर्ची का खुलासा
राजाराम ने ठगी की रकम से न सिर्फ लग्ज़री कार और गहने खरीदे, बल्कि 60 लाख रुपये ससुराल के मकान में, 25 लाख पुराने कर्ज में, और 28 लाख गिरवी ज़मीन छुड़ाने में खर्च कर दिए। पुलिस ने आरोपी से ब्रेजा कार, मोबाइल, सोना और नकदी जब्त की है और बैंक खाते से 8 लाख रुपये होल्ड किए हैं।
अब क्या आगे?
राजाराम को 28 मई को कोर्ट में सरेंडर करवाया गया और 2 जून तक रिमांड में लेकर पूछताछ की गई। अब उसके खिलाफ अवैध संपत्ति के तहत धारा 107 बीएनएसएस में अलग से कार्रवाई की जा रही है।
कार्रवाई के नायक
इस कार्रवाई में राजिम थाना प्रभारी निरीक्षक अमृत साहू और साइबर सेल की भूमिका अहम रही।
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