हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
नक्सल गाँवों में उतरे पुलिस कप्तान गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने हथलासरगी व खोलबहाल में सिविक एक्शन चलाया, ग्रामीणों से संवाद कर दैनिक उपयोग की सामग्री वितरित की, जानें पूरा मामला।
गरियाबंद के दुर्गम नक्सल क्षेत्रों में आज कुछ अलग हुआ। जहां कभी बंदूक की गूंज सुनी जाती थी, वहां इस बार गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा अपनी टीम के साथ हथलासरगी और खोलबहाल गाँवों में पहुंचे ।और यह कोई तलाशी अभियान नहीं था, बल्कि सिविक एक्शन प्रोग्राम था

नक्सल गाँवों में उतरे पुलिस कप्तान
नक्सल गाँवों में उतरे पुलिस कप्तान ग्रामीणों से सीधे संवाद, सुनी समस्याएं
एसपी निखिल राखेचा ने गाँव के प्रमुखों, महिलाओं और युवाओं से सीधी मुलाक़ात की और उनकी बिजली, पानी, स्कूल और भवन जैसी मूलभूत समस्याओं को गंभीरता से सुना। पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त किया कि वे इन मुद्दों को संबंधित विभागों तक पहुंचाकर जल्द समाधान कराएंगे।
दैनिक उपयोग की वस्तुओं का वितरण
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को दैनिक उपयोग की सामग्री भी वितरित की गई। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी के चेहरे पर पुलिस कप्तान की मौजूदगी ने मुस्कान ला दी। यह साफ था कि ग्रामीणों और प्रशासन के बीच भरोसे की एक नई दीवार खड़ी हो रही है।
आत्मसमर्पण नीति का प्रचार
पुलिस टीम द्वारा आत्मसमर्पण नीति से संबंधित पाम्पलेट भी बांटे गए। नक्सलवाद की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने वालों के लिए स्वरोजगार, स्वास्थ्य सेवा, आवास और सरकारी नौकरी जैसी सुविधाएं गिनाई गईं।
यह अभियान क्यों है अहम?
नक्सल क्षेत्रों में पुलिस का मानवीय चेहरा
शासन की योजनाएं सीधे ग्रामीणों तक
आत्मसमर्पण नीति का प्रचार-प्रसार
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