हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
पीएम आवास रिश्वत मामला छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पीएम आवास दिलाने के नाम पर हितग्राही से 5 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप, 2 साल से चक्कर लगाने के बाद भी नहीं मिला मकान। प्रेस क्लब में दोनों पक्षों ने रखा पक्ष, जानिए पूरा मामला।
गरियाबंद/देवभोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर गरीब को छत योजना में गरियाबंद जिले के सरगीगुड़ा गांव में रिश्वतखोरी स्पेशल एडिशन सामने आया है। पीड़ित हितग्राही ने बताया कि वह 2 साल से पीएम आवास के लिए जनपद पंचायत के चक्कर काटते-काटते थक गया, लेकिन मकान तो दूर, समन्वयक विकास द्विवेदी ने उससे 5 हजार रुपये भी ऐंठ लिए।

पीएम आवास रिश्वत मामला
पीएम आवास रिश्वत मामला कर्ज लेकर 5 हजार दिए फिर मकान के नाम पर मिला आश्वासन
पीड़ित का आरोप है कि उसने जैसे-तैसे कर्जा लेकर 5 हजार रुपये दे दिए, लेकिन इसके बाद भी उसके मकान का काम शुरू नहीं हुआ। परेशान होकर हितग्राही ने देवभोग प्रेस क्लब में प्रेस के सामने रोरोकर गुहार लगाई मैंने रिश्वत भी दे दी, फिर भी मकान नहीं मिला, अब कोई सुनवाई नहीं हो रही है!
समन्वयक का एटीट्यूड शो पीड़ित लाओ, मुझे भी दिखाओ!
उधर आरोपों के जवाब में पीएम आवास समन्वयक विकास द्विवेदी ने सफाई देने के बजाय तेवर दिखाते हुए कहा बताइए कौन है पीड़ित? मुझे भी लाकर दिखाइए, मैं भी देखूं… मैं किसी से पैसे लिए हैं?
गरीबों के सपनों पर रिश्वत का ग्रहण
प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट गरीबों को छत देने का है, लेकिन यहां छत से पहले जेब ढीली करने की अनिवार्यता जैसी शर्त जोड़ दी गई है। अब पूरे देवभोग-गरियाबंद में चर्चा गर्म है पीएम आवास दिलवाने के लिए दो साल लाइन में लगो, फिर 5 हजार की रिश्वत दो, और उसके बाद भी मकान मिले या न मिले, किस्मत पर छोड़ दो!
सुलगता सवाल
गरीबों का सवाल है क्या मोदीजी के सपने को ऐसे ही रौंदा जाएगा? सबकी निगाहें जिला प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं कि क्या रिश्वतखोरों पर पड़ेगी गाज या यह मामला भी फाइलों में दफ्न हो जाएगा।