हिमांशु साँगाणी पैरी टाइम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
देवभोग जेम-पोर्टल घोटाला देवभोग नगर पंचायत में प्रभारी सीएमओ ने जेम पोर्टल पर 5 लाख के सामान को 15 लाख में खरीदा। जांच में दोषी पाए जाने पर पारदर्शिता पर सवाल उठे। पूरी खबर पढ़ें।
गरियाबंद देवभोग नगर पंचायत में पारदर्शिता का झंडा उठाए जेम पोर्टल ने ऐसा कमाल कर दिखाया है कि 5 लाख का फर्नीचर, डस्टबिन और फोटो कॉपियर 15 लाख में बिकवा दिया! और इस अलौकिक खरीदारी के शिल्पकार बने रिटायरमेंट के मुहाने पर खड़े प्रभारी सीएमओ संतोष चंद्राकर, जिन्होंने रिटायरमेंट पार्टी से पहले भ्रष्टाचार का पार्टी पैकेज तैयार कर डाला।

देवभोग जेम-पोर्टल घोटाला
देवभोग जेम-पोर्टल घोटाला जेम पोर्टल या जुगाड़ एक्सप्रेस मैनेजमेंट?
कागजों में 15 लाख के टेंडर बुलाए गए, लेकिन हकीकत में एमआईसी (नगर निगम समिति) की आंखों में धूल झोंकते हुए बिना मंजूरी सीएमओ साहब ने गुपचुप सेमी-ब्रांडेड कबाड़ मंगा लिया। बाजार में यही सामान 5 लाख में मिल जाता, लेकिन पोर्टल ने इसे भ्रष्टाचार स्पेशल ऑफर में 15 लाख का बता दिया।
कमीशन की कुश्ती ने खोली पोल
सीएमओ और कर्मचारी कमीशन के लिए आपस में भिड़ गए, लड़ाई कर्मचारी संगठन तक पहुंची। कर्मचारी संगठन ने संचालक नगरीय प्रशासन, रायपुर से शिकायत की, और जांच में प्रभारी सीएमओ दोषी साबित हुए। अब नगर पंचायत प्रतिनिधि जेम पोर्टल की ट्रांसपेरेंसी पर सवाल उठा रहे हैं।
नपा अध्यक्ष बोले – पारदर्शिता या पारदरारिता?
नगर पंचायत अध्यक्ष ने दो टूक कहा, जेम पोर्टल पर जो कीमत दिखाई गई, वह बाजार भाव से तीन गुना ज्यादा है। बाजार में 5 लाख का सामान जेम पर 15 लाख का कैसे? उन्होंने पूरी खरीद प्रक्रिया की समीक्षा की मांग की है ताकि भविष्य में कोई और सीएमओ इस तरह सेवानिवृत्ति के जश्न में जनता की गाढ़ी कमाई न लुटा सके।