मिट्टी के दीयों को अपनाएं, भारतीयता को बचाएं, पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं : गरियाबंद कलेक्टर की नई पहल को मिल रहा समर्थन ।

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By Himanshu Sangani

हिमांशु साँगाणी/ गरियाबंद

गरियाबंद : दीपावली पर घरों को सजाने और रोशनी से जगमगाने का सिलसिला सदियों पुराना है। एक समय था जब मिट्टी के दीये दीपावली की सबसे बड़ी पहचान हुआ करते थे। लेकिन आज आधुनिकता की चकाचौंध में मिट्टी के दीयों की इस परंपरा को जैसे भुला दिया गया है। अब लोग रंग-बिरंगी इलेक्ट्रॉनिक लाइटों और फैंसी सजावट कर रहे है । इसी परंपरा को जीवित रखने के उद्देश्य से गरियाबंद कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया जिसकी तारीफ कुम्हार तो कर ही रहे हैं गरियाबंद की जनता भी इसकी सराहना कर रही है ।

दीपावली पर कुम्हारों को राहत: दीयों की बिक्री पर कर नहीं लगेगा ।
दीपावली पर कुम्हारों और ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने के लिए कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने बड़ा कदम उठाया है। उनके आदेश के अनुसार, नगरीय क्षेत्रों में दीयों की बिक्री पर कोई कर नहीं लिया जाएगा। इस निर्णय से कुम्हारों को बिना किसी परेशानी के अपने उत्पाद बेचने का अवसर मिलेगा। कलेक्टर ने सुनिश्चित किया है कि नगरपालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में इनसे कर की वसूली न हो, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सके और आमजन मिट्टी के दीयों के उपयोग के लिए प्रेरित हो।

“हर दीये में बसी होती है एक कुम्हार की कहानी”
कुम्हारों का कहना है कि एक-एक दीया बनाते समय उनके दिल में बस यही उम्मीद होती है कि दीपावली के दिन लोग उनके दीयों से अपने घरों को रोशन करेंगे। लेकिन आज, जब लोग इलेक्ट्रॉनिक लाइटों और फैंसी सजावट का रुख कर रहे हैं, तो कुम्हारों के चेहरे की चमक भी खोने लगी है।

इस दीपावली, एक दीया कुम्हारों के नाम
इस बार हम सब यदि मिलकर यह निर्णय लें कि अपने घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएंगे, तो न केवल हम अपनी संस्कृति को जीवित रखेंगे, बल्कि उन कुम्हार परिवारों के लिए भी एक नई आशा का दीप जलाएंगे। उनकी आँखों में उम्मीद और चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए आइए, हम सब मिलकर उनकी मेहनत का सम्मान करें और इस दीपावली मिट्टी के दीयों से ही अपने घरों को रोशन करें।

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HIMANSHU SANGANI प्रधान संपादक - PAIRITIMES24×7 OPP POST OFFICE,MAIN ROAD,GARIYABAND,CHHATTISHGARH Mobile - 8225022000/8225022001

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