हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
20 साल की सेवा फिर भी अनसुनी छत्तीसगढ़ में 16 हजार NHM कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, अस्पतालों में इलाज ठप। मरीज परेशान और खुद कर्मचारी भी बच्चों संग आंदोलन में मजबूर ।
गरियाबंद प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 से अधिक कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों और नियमितीकरण को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसका सीधा असर गरियाबंद, राजिम, छुरा, देवभोग और मैनपुर सहित पूरे प्रदेश की तहसीलों में देखा जा रहा है।

20 साल की सेवा फिर भी अनसुनी
20 साल की सेवा फिर भी अनसुनी इधर मरीज भटक रहे, अस्पतालों में सन्नाटा
आज गरियाबंद के गांधी मैदान में NHM कर्मियों ने मानव श्रृंखला बना अपने प्रदर्शन की शुरुआत की और कोरोना में निधन हुए साथियों को श्रद्धांजलि भी दी इस दृश्य अधिकारी और जनता दोनों को झकझोर कर रख दिया जिन्हें कोरोना कॉल में ताली और थाली से सम्मानित किया गया था, आज उन्हीं ने ताली-थाली बजा कर सरकार को अपनी मांगें याद दिलाईं ।
बच्चों के साथ आंदोलन में शामिल कर्मचारी
अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कहे जाने वाले NHM कर्मचारियों की हड़ताल से राष्ट्रीय पोर्टल का कामकाज भी ठप हो गया है। हड़ताल के पहले दिन आंदोलन ने एक भावनात्मक मोड़ लिया। कई NHM कर्मचारी अपने नन्हे बच्चों को लेकर आंदोलन स्थल पर पहुंचे। उनका कहना था जब सरकार हमारे भविष्य से खेल रही है, तो हमें अपने बच्चों को भी इस संघर्ष में शामिल करना पड़ा है। क्योंकि यह आंदोलन सिर्फ हमारा नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के सुरक्षित भविष्य का सवाल है।
20 साल की सेवा, फिर भी नियमितीकरण नहीं
जिला अध्यक्ष अमृत राव भोंसले, प्रांतीय प्रतिनिधि भूपेश साहू और भूपेंद्र सिन्हा ने कहा कि
पिछले 20 सालों से हम स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं। कोरोना जैसी आपदा में भी NHM कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना जनता की सेवा की, लेकिन आज भी हमें स्थायित्व और उचित वेतनमान नहीं मिला।
10 सूत्रीय मांगें
संघ की प्रमुख मांगों में
नियमितीकरण
समान कार्य के लिए समान वेतन
स्थानांतरण नीति
सेवा शर्तों का निर्धारण
सामाजिक सुरक्षा लाभ
शामिल हैं।
संघर्ष जारी रहेगा प्रदेश अध्यक्ष
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने कहा हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं। यह आंदोलन सिर्फ कर्मचारियों का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और लाखों मरीजों के हित से जुड़ा है।
स्वास्थ्य ढांचे पर गहराए संकट की जिम्मेदारी किसकी ?
सरकार की चुप्पी स्वास्थ्य नेताओं को सार्वजनिक स्वास्थ्य की बड़ी विफलता की ओर ले जा सकती है । सरकार अगर NHM कर्मियों से जल्द वार्ता शुरू नहीं करती तो पूरे स्वास्थ्य ढांचे पर संकट गहराएगा।
जिलेभर के कर्मियों ने दर्ज कराई उपस्थित ।
गरियाबंद स्थित गांधी मैदान के आंदोलन स्थल पर सैकड़ों की संख्या में NHM कर्मियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । इस राजिम, छुरा, देवभोग, मैनपुर और गरियाबंद तहसील के सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे।
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