हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
छत्तीसगढ़ रजत जयंती 2025 पर गरियाबंद की महिलाएं टैडी बियर और सजावटी कलाकृति बनाकर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल गढ़ रही हैं। कलेक्टर बी.एस. उइके ने प्रशिक्षण स्थल का अवलोकन कर महिलाओं को प्रोत्साहित किया। टैडी बियर आर्ट से महिलाओं को स्वरोजगार, सी-मार्ट में बिक्री की सुविधा और अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा
गरियाबंद छत्तीसगढ़ की 25वीं सालगिरह यानी रजत जयंती वर्ष में सरकार ने महिलाओं के लिए ऐसा तोहफ़ा दिया है, जिससे अब टैडी बियर भी आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा बन गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने तय किया कि महिलाएं अब सिर्फ चूल्हा-चौका नहीं, बल्कि नरम कपड़े, रूई, धागा और बटन से भी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगी। और नतीजा गरियाबंद में टैडी बियर आर्ट्स का नया उद्योग जन्म ले चुका है

छत्तीसगढ़ रजत जयंती 2025
छत्तीसगढ़ रजत जयंती 2025 अब गरियाबंद में बनेगा टैडी हब
कलेक्टर बी.एस. उइके जब प्रशिक्षण स्थल पहुँचे तो महिलाओं के हाथों से बने खरगोश, तोता, गिलहरी और भालू देखकर खुद भी मुस्कुराए। उन्होंने कहा अब गरियाबंद की महिलाएं टैडी बियर के जरिए बाजार हिला देंगी। इसके लिए शहर के सी-मार्ट में टैडी हाट बनाने के निर्देश भी दे दिए गए।
सहेली से जुड़ी महिलाएं
सहेली सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सहयोग से महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। खास बात ये है कि इन कलाकृतियों की लागत बेहद कम है और बाजार में कीमत ऊंची। यानी महिलाओं की जेब में अब टैडी का प्यार और नोटों की बौछार दोनों साथ होंगे।
अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में गरियाबंद सिर्फ धान और तेंदूपत्ता ही नहीं, बल्कि टैडी बियर की राजधानी भी कहलाएगा।
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