हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
Gariband news गरियाबंद में सनसनीखेज हादसा, नगर सेना की टीम ने किया रिकवर गरियाबंद के सिकासेर डैम में मछली पकड़ने गए युवक की रहस्यमयी मौत। 68 घंटे की मशक्कत के बाद सोमवार सुबह प्लास्टिक स्टॉपपर के नीचे से मिला शव। पढ़ें पूरी खबर।
गरियाबंद सिकासेर डैम का सन्नाटा सोमवार सुबह अचानक गरियाबंद नगर सेना की रेस्क्यू टीम की हलचल से बढ़ गया, जब तीन दिन से लापता युवक का शव आखिरकार पानी की गहराइयों से बाहर निकला। यह मौत किसी फिल्मी सस्पेंस से कम नहीं रही 68 घंटे की मशक्कत के बाद भी लोगों को उम्मीद थी कि शायद युवक कहीं सुरक्षित मिल जाए, लेकिन डैम ने उसकी आखिरी सांसें छुपा रखी थीं।

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Gariband news जाने क्या हुआ था उस दिन?
मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार दोपहर गरियाबंद के मारागांव से दो युवक मछली पकड़ने सिकासेर डैम पहुंचे थे। मछली पकड़ने का शौक एक युवक को इतनी गहराई में ले गया कि वह पानी में समा गया और फिर कभी बाहर नहीं निकल सका। उसके साथी ने घबराहट में पास के गांव जाकर पूरी घटना बताई। पुलिस और ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक शाम हो जाने के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन उस दिन संभव नहीं हो पाया।
लगातार तलाश… और फिर मौत की सच्चाई
शनिवार सुबह से ही नगर सेना की रेस्क्यू टीम ने पानी के विशाल इलाके में युवक की तलाश शुरू कर दी। गोताखोर डैम की तलहटी खंगालते रहे, लेकिन घासीराम (उम्र 35-37 वर्ष) का कहीं कोई पता नहीं चला। हर बीतता घंटा परिवार और गांववालों की बेचैनी को बढ़ाता गया। आखिरकार सोमवार की सुबह, जब उम्मीदें टूट रही थीं, तभी सिकासेर डैम के प्लास्टिक स्टॉपपर के नीचे कुछ तैरता हुआ नजर आया। पास जाकर देखा तो वह घासीराम का शव था। नगर सेना की टीम ने शव को बाहर निकाला और परिजनों को खबर दी। पूरे गांव में मातम पसर गया।
डैम बना मौत का जाल?
यह पहली बार नहीं है जब सिकासेर डैम में इस तरह की घटना सामने आई हो। स्थानीय लोग बताते हैं कि डैम की गहराई और प्लास्टिक स्टॉपपर के नीचे का दबाव बेहद खतरनाक है। यही वजह है कि एक बार पानी में फंसने के बाद बाहर निकलना लगभग नामुमकिन हो जाता है ।
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