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सिरपुर का अद्भुत रहस्य छत्तीसगढ़ के सिरपुर में 14 सौ साल से विराजमान श्री गणेश जी की प्रतिमा आज भी श्रद्धालुओं को आस्था और इतिहास से जोड़ती है। जानें प्राचीन दक्षिण कोसल की राजधानी सिरपुर की रहस्यमयी कहानी।
गरियाबंद/ महासमुंद सिरपुर (छत्तीसगढ़)। गणेश चतुर्थी की धूम पूरे देश में रहती है, लेकिन छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक सिरपुर में स्थित भगवान गणेश जी की प्रतिमा अपने आप में अद्भुत और रहस्यमयी है। यहां लगभग 14 सौ साल से श्री गणेश जी विराजमान हैं, और हर साल हजारों श्रद्धालु इस अनूठे दर्शन के लिए देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं।

सिरपुर का अद्भुत रहस्य
सिरपुर का अद्भुत रहस्य 6वीं-7वीं सदी की धरोहर
इतिहासकार बताते हैं कि यह मंदिर सोमवंशी राजा महाशिवगुप्त बालार्जुन द्वारा बनवाया गया था। इसे बलुआ पत्थर से तैयार किया गया और खास बात यह है कि इसकी संरचना भूकंप रोधी तकनीक से तैयार की गई थी। यह अनोखा मंदिर सुरंग टीला नामक अंतरराष्ट्रीय महत्व की संरचना पर स्थित है।
अंतरराष्ट्रीय आकर्षण
2006 से 2008 के बीच जब यहां उत्खनन हुआ, तब यह धरोहर सामने आई। इस पंचायतन शैली के मंदिर में विराजमान श्री गणेश जी की प्रतिमा ने न सिर्फ पुरातत्वविदों को चौंकाया, बल्कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं को भी अपनी ओर आकर्षित किया। आज यह स्थल अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है
श्रद्धालुओं का अनुभव
स्थानीय पुरोहित और गाइड बताते हैं कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहां भक्तों की विशेष भीड़ उमड़ती है। महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटक मानते हैं कि यहां आकर उन्हें दिव्य शांति और ऐतिहासिक गौरव का अनूठा संगम महसूस होता है। महाराष्ट्र से आए पर्यटक ने कहा कि 14 सौ साल पुराने गणेश जी के दर्शन हमारे लिए अद्भुत अनुभव हैं। यहां इतिहास और आस्था दोनों एक साथ जीवित हैं।
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