हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद शिक्षा स्वास्थ्य राजिम विधायक रोहित साहू के अथक प्रयासों से गरियाबंद को तीन ऐतिहासिक सौगातें मिलीं जिला अस्पताल के नवनिर्माण हेतु 19 करोड़ और कन्या शाला भवन के लिए 22 करोड़ की स्वीकृति और कोटरी जलाशय हेतु 22 करोड़ की स्वीकृति मिली है पढ़ें पूरी खबर पैरी टाईम्स पर ।
गरियाबंद गरियाबंद जिले की जनता को आखिरकार वह पल मिल ही गया, जिसका इंतज़ार वर्षों से था। राजिम विधायक रोहित साहू ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सक्रिय राजनीति सिर्फ भाषणों से नहीं, बल्कि जमीनी कामों से जानी जाती है।

गरियाबंद शिक्षा स्वास्थ्य
गरियाबंद शिक्षा स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव
विधायक साहू के प्रयासों से जिला मुख्यालय को दो ऐतिहासिक सौगातें मिली हैं
जिला अस्पताल के नवनिर्माण के लिए लगभग 19 करोड़ रुपए की स्वीकृति।
गरियाबंद कन्या शाला भवन निर्माण के लिए लगभग 22 करोड़ रुपए की स्वीकृति।
इन दोनों योजनाओं की मंजूरी के बाद न सिर्फ गरियाबंद जिला अस्पताल की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान होगा, बल्कि छात्राओं को भी शिक्षा के बेहतर माहौल की सौगात मिलेगी।
त्रिवेणी सौगात ।
रोहित साहू के अथक प्रयासों से जिले के ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग भी पूरी हुई है। कोटरी जलाशय निर्माण के लिए करीब 22 करोड़ रुपए की स्वीकृति दिलाई गई है। इससे क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी और गांवों में पानी की समस्या कम होगी।
जनता ने इसे विधायक साहू की त्रिवेणी सौगात करार दिया है।
जनता की पीड़ा, नेता की पहल ।
अब तक जिला अस्पताल एक पुराने जर्जर भवन में संचालित हो रहा था, जहाँ इलाज कराने आए मरीजों को हर रोज़ परेशानियों से जूझना पड़ता था। वहीं कन्या शाला में कमरों की कमी के चलते छात्राओं को पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन विधायक रोहित साहू की पहल से इन दोनों समस्याओं का स्थायी समाधान मिल गया है।
राजनीति का संदेश
मुख्यालय की वर्षों से लंबित मांगे पूरी होने के बाद यह साफ हो गया है कि विधायक साहू केवल चुनावी मंचों पर वादे करने वाले नेता नहीं, बल्कि उन वादों को निभाने का हौसला रखने वाले जनप्रतिनिधि हैं। विपक्ष जहां इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठा है, वहीं क्षेत्र की जनता इसे ‘विकास की दोहरी सौगात’ मानकर विधायक की खुलकर सराहना कर रही है।
विपक्ष में खामोशी
अब सवाल यह है कि जो विपक्ष आज खामोश है, क्या कल इन योजनाओं का श्रेय लेने की कोशिश करेगा? राजनीति में यह खेल अक्सर देखने को मिलता है। मगर जनता अब समझ चुकी है कि मेहनत किसकी है और लाभ किसके प्रयासों से मिला है।
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