हिमांशु साँगाणी पैरी टाईम्स 24×7 डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद वन परिक्षेत्र रेंज में बाघ की दस्तक गरियाबंद रेंज में इस गांव के ग्रामीणों ने सुबह-सुबह बाघ को देखा। रेंजर ने पैरों के निशान की पुष्टि की। इलाके में पहले से दो हाथी मौजूद हैं। हाल ही में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में भी बाघ की मौजूदगी दर्ज हुई थी। Pairi Times 24×7 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
गरियाबंद जिले का जंगल इन दिनों किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं। जहां पहले से दो हाथियों की गूंज सुनाई दे रही थी, वहीं अब बाघ की दस्तक ने इलाके की फिजाओं को और रोमांचक बना दिया है। पांडुका रेंज के अंतर्गत आने वाले ग्राम नागझर के ग्रामीणों ने सुबह-सुबह खेतों की ओर जाते समय बाघ को अपनी आंखों से देखा।

गरियाबंद वन परिक्षेत्र
गरियाबंद वन परिक्षेत्र के पांडुका रेंज में बाघ की दस्तक रेंजर ने की पुष्टि
ग्रामीणों की सूचना पर पांडुका रेंजर संतोष चौहान मौके पर पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ बाघ के पैरों के ताजा निशान देखे, बल्कि इसकी आधिकारिक पुष्टि भी की। रेंजर ने बताया कि इस क्षेत्र में पहले से दो हाथी लगातार विचरण कर रहे हैं। अब धमतरी जिले के सिंगपुर से एक बाघ पैरी नदी को पार करके यहां पहुंचा है।
उदंती सीतानदी में भी मिली थी बाघ की मौजूदगी
महज कुछ दिन पहले ही उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के इलाके में भी बाघ की मौजूदगी दर्ज की गई थी। यह स्पष्ट संकेत है कि गरियाबंद और धमतरी का पूरा जंगल बेल्ट बाघों की आवाजाही का प्रमुख कॉरिडोर बनता जा रहा है।
ग्रामीणों में डर, जंगल में सस्पेंस
नागझर के ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में काम करने से पहले अब उन्हें चारों ओर निगाहें दौड़ानी पड़ रही हैं। हाथियों का झुंड और बाघ की मौजूदगी ने गांववालों की दिनचर्या बदल दी है।
वन विभाग ने भी निगरानी तेज कर दी है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
जंगल का अगला अध्याय बाघ बनाम हाथी?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या पांडुका का जंगल हाथी और बाघ की दोस्ती का गवाह बनेगा या फिर दोनों दिग्गज आमने-सामने आएंगे। फिलहाल पूरा इलाका वन्यजीव सफारी जैसा नजर आ रहा है और ग्रामीणों की धड़कनें हर दिन तेज हो रही हैं।
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