कृष्णा दीवान/धमतरी
धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक के ग्राम सांकरा में पिता नूनकरण साहू ने अपने बेटे उत्तम कुमार साहू की अचानक मृत्यु के बाद अपने वादे को निभाकर सभी को प्रेरित किया। पिता ने अपने बेटे की आँखें दान करने का निर्णय लिया, जो मानवीय संवेदना और त्याग की अनूठी मिसाल बन गया है।
उत्तम की असामयिक मृत्यु से परिवार में दुख का माहौल था, लेकिन नूनकरण साहू ने उस घड़ी में परिवार और समाज के लिए एक ऐसा निर्णय लिया जो उनके बेटे के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह निर्णय एक आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने इसे अपनी जिम्मेदारी मानते हुए अपने बेटे के नेत्रदान का संकल्प लिया। समाज के लोग, जो इस दर्द में उन्हें सहारा देने पहुंचे थे, नूनकरण साहू के इस साहसिक निर्णय से भावुक हो गए।
समाज के पूर्व उपसरपंच राजू साहू ने बताया कि इस दुखद अवसर पर पिता ने एक बड़े दिल और मजबूत हौसले का परिचय दिया। पिता ने न केवल अपने बेटे के सम्मान को जीवित रखा, बल्कि दूसरों के जीवन में रोशनी भरने का प्रण लिया। यह कदम उनकी उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो वे बेटे के सपनों को साकार करने के लिए करते रहे।
इस घटना से समाज में एक गहरा संदेश गया है कि मानवीय संवेदनाएँ किसी भी कठिन परिस्थिति में अडिग रहती हैं। नूनकरण साहू का यह फैसला उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो कठिन समय में भी अपने मूल्यों को बनाए रखते हैं। बेटे के नेत्रदान से किसी और की आँखों में दुनिया की रोशनी भरना उनके लिए एक बड़ा सुकून बन गया है, और यह साबित करता है कि सच्चा प्यार सीमाओं से परे होता है।